गणतंत्र दिवस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता पी. चिदंबरम ने कश्मीर लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान की आत्मा संविधान के भाग तीन में स्वतंत्रता की गारंटी निहित है. ये आजादी लोगों द्वारा खुद को दी गई थी. कोई भी सरकार उसे हटा नहीं सकती है.
उन्होंने ट्वीट करके कहा 'याद रखें कि आज जैसा कि हम कश्मीर घाटी के उन 70 लाख लोगों के बारे में सोचते हैं, जिनकी आजादी छीन ली गई है, जिनमें बिना किसी आरोप के 6 महीने से अधिक समय तक हिरासत में रहने वाले लोग भी शामिल हैं.' इस दौरान कांग्रेस नेता चिदंबरम ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (NRC) का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए.
याद रखें कि आज जैसा कि हम कश्मीर घाटी के उन 70 लाख लोगों के बारे में सोचते हैं जिनकी आज़ादी छीन ली गई है, जिनमें बिना किसी चार्ज के 6 महीने से अधिक समय तक हिरासत में रहने वाले लोग भी शामिल हैं।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 26, 2020
गरीबों को परेशान करने वाले कानून की क्या जरूरत थी?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकाजुर्न खड़गे ने कहा कि जब देश में पहले से ही एक मौजूदा कानून था, फिर गरीबों को परेशान करने के लिए एक संशोधित कानून लाने की क्या आवश्यकता थी. गरीब लोग अपने पिता और पूर्वजों से संबंधित दस्तावेज कैसे दिखाएंगे. उन्होंने कहा कि न केवल कांग्रेस बल्कि कई गैर-भाजपा शासित राज्य इस कानून का विरोध कर रहे हैं.
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देश के असली नागरिक कौन हैं?
खड़गे ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वतंत्रता और गणतंत्र प्राप्त करने के बाद भी हम ये पहचानने में सक्षम नहीं हैं कि देश के असली नागरिक कौन हैं. बीजेपी पर हमला बोलते हुए खड़गे ने कहा कि वे एक तानाशाह की तरह काम कर रहे हैं और असंतोष और लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं. जो भी आरएसएस और भाजपा के खिलाफ बोलता है, उसे 'देशद्रोही' और 'पाकिस्तानी' कहा जाता है, जैसे कि सिर्फ वही देशभक्त हैं.