नई सरकार बनने के बाद कुछ कांग्रेसी नेता भी ऐसे बयान देने लगे हैं जो केंद्र की एनडीए सरकार की तारीफ जैसे लगते हैं. पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का कहना है कि वित्तीय मितव्ययिता के सहारे भारत अगले 2-3 साल में 8 फीसदी आर्थिक विकास दर हासिल कर सकता है. उन्होंने नई दिल्ली में एक समारोह में कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि सरकार बदलने के बाद भी अगर हम रास्ते पर रहें, तो 2-3 साल में आठ फीसदी विकास दर हासिल कर सकते हैं.’
इतना ही नहीं, चिदंबरम ने मोदी सरकार के योजना आयोग को खत्म करने के फैसले का भी समर्थन किया. उन्होंने कहा कि योजना आयोग की उपयोगिता समाप्त हो चुकी है. उन्होंने कहा कि योजना आयोग समाप्त करना सही फैसला था और उसके स्थान पर अपेक्षाकृत छोटा संस्थान बनना चाहिए, जिसमें 100 से ज्यादा कर्मचारी नहीं होने चाहिए.
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि नए संस्थान में ऐसे लोगों को रखा जाना चाहिए, जो भविष्यदर्शी हों और आगे की योजना बना सकें. बाकी चीजें मंत्रालय पर छोड़ दी जानी चाहिए.
चिदंबरम ने विकास दर पर बोलते हुए कहा, ‘आठ फीसदी विकास दर हासिल करने के लिए वित्तीय क्षेत्र में सुधार भी जरूरी हैं.’ उन्होंने कहा कि अगर वित्तीय मितव्ययिता बरकरार रखी जाए और सरकार बचत व निवेश को बढ़ावा दे, तो 8 फीसदी विकास दर हासिल करना संभव है.
2013-14 में आर्थिक विकास दर 4.9 फीसदी रही थी. मौजूदा कारोबारी साल की पहली तिमाही में यह दर 5.7 फीसदी दर्ज की गई है. चिदंबरम ने कहा कि 8 फीसदी विकास दर से एक करोड़ लोगों के लिए रोजगार का सृजन हो सकता है.
पूर्व मंत्री ने कहा कि महंगाई कम करने का सबसे आसान तरीका वित्तीय घाटा कम करना है. वर्तमान सरकार ने वित्तीय घाटे का लक्ष्य 2014-15 के लिए 4.1 फीसदी रखा है, जो 2013-14 में 4.5 फीसदी था.
पिछले 11 साल में भारत की विकास दर (बीते साल की तुलना में) इस तरह रही है.
2004 - 7.92
2005 - 9.29
2006 - 9.26
2007 - 9.80
2008 - 3.89
2009 - 8.48
2010 - 10.26
2011 - 6.64
2012 - 4.74
2013 - 4.35
2014 - 5.41