पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने अपनी ही यूपीए सरकार के फैसले पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. चिदंबरम ने कहा है कि यूपीए सरकार को दूरसंचार घोटाला सामने आते ही अदालत के फैसले का इंतजार किए बिना 2जी लाइसेंस रद्द कर देना चाहिए था.
2जी घोटाले को लेकर विरोधी पार्टियां तो कांग्रेस को लगातार घेरती ही आई हैं, पर इस बार सीनियर कांग्रेसी लीडर चिदंबरम ने ही अपनी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया. बीजेपी जैसी पार्टियां पहले से ही कहती रही हैं कि 2जी घोटाले को देखते हुए आवंटन रद्द किया जाना चाहिए.
गौरतलब है कि 2जी घोटाले को लेकर अदालत में भी यूपीए सरकार की खूब किरकिरी हो चुकी है. कई नेताओं पर अभी भी केस चल रहे हैं. दिल्ली की एक अदालत 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़े मनी लॉन्डरिंग के एक मामले में पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए. राजा, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की सांसद कनिमोझी और अन्य के खिलाफ आरोप तय कर चुकी है. इस मामले पर अगली सुनवाई 11 नवंबर से शुरू होगी.