ऑनलाइन फूड सर्विस वेबसाइट जोमैटो ने गैर-हिंदू डिलिवरी बॉय से खाना लेने से इंकार करने वाले शख्स को शानदार जवाब देकर देशभर का दिल जीत लिया. देशभर में जोमैटो के जवाब की जमकर तारीफ हो रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने भी जोमैटो के प्रति समर्थन जताया है.
समर्थन करते हुए पी. चिदंबरम ने लिखा, 'अभी तक मैंने कभी खाना ऑर्डर नहीं किया,लेकिन अब मैं जोमैटो से खाना मंगाने की सोच रहा हूं.'
I have not ordered food so far, but I think I will do so now from Zomato.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 31, 2019
असल में, मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक ग्राहक ने जोमैटो के डिलीवरी बॉय से सिर्फ इसलिए खाना नहीं लिया क्योंकि वह मुस्लिम था. बाद में जोमैटो की तरफ से इस व्यक्ति को करारा जवाब दिया गया. पहले ये जवाब जोमैटो ने अपने ट्विटर अकाउंट से दिया और बाद में जोमैटो के फाउंडर दीपेंद्र गोयल ने भी दिया. जोमैटो ने लिखा कि खाने का कोई धर्म नहीं होता, खाना खुद एक धर्म है.
Food doesn’t have a religion. It is a religion. https://t.co/H8P5FlAw6y
— Zomato India (@ZomatoIN) July 31, 2019
इसके अलावा दीपेंद्र गोयल ने ट्विटर पर लिखा कि हम भारत के विचारों और हमारे ग्राहकों-पार्टनरों की विविधता पर गर्व करते हैं. हमारे इन मूल्यों की वजह से अगर बिजनेस को किसी तरह का नुकसान होता है तो हमें इसके लिए दुख नहीं होगा.
बीजेपी विधायक बोले- टिफिन खाने में कैसे लागू हो सकती है कानून की बाध्यता
वहीं मुस्लिम डिलीवरी बॉय से खाना ना लेने पर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा का ने कहा कि यह कोई बहस का मुद्दा नहीं है. जब कानून की बाध्यता राष्ट्रगान गाने में नहीं हुई, तिरंगा फहराने में नहीं हुई तो फिर टिफिन खाने में कैसे हो सकती है. रामेश्वर शर्मा ने कहा, हिंदुस्तान की मीडिया से प्रार्थना है कि आप अगर लोगों का मत ले रहे हैं तो इस बात
पर लें कि कश्मीर में धारा 370 हटे या ना हटे? कश्मीर की धरती पर हिंदुस्तान के सैनिकों के साथ पत्थर फेंककर जो अभद्रता की जा रही है उस पर राय लो. कौन सा टिफिन कौन खाएगा यह बहस का मुद्दा नहीं है. यह तो अपनी-अपनी इच्छा है कि कौन किसके यहां और क्या खाता है.
बीजेपी विधायक ने कहा कि अगर यह सब करना है तो समान नागरिक कानून लाया जाए जिससे सब एक दूसरे के नियम और धर्म का पालन करें. उन्होंने कहा कि कानून की बाध्यता जब राष्ट्रगान गाने में लागू नहीं हुई, कानून की बाध्यता देश का तिरंगा फहराने में लागू नहीं हुई, कानून की बाध्यता वंदे मातरम गाने में लागू नहीं हुई तो कानून की बाध्यता टिफिन खाने में कैसे लागू हो सकती है.
बता दें कि यह वाकया मंगलवार रात का है, अमित शुक्ला नाम के ग्राहक ने जबलपुर में जोमैटो को खाने का ऑर्डर किया था. जब शुक्ला ने देखा कि खाना पहुंचाने आया व्यक्ति गैर हिंदू है, तो उसने जोमैटो से दूसरा डिलिवरी बॉय भेजने को कहा. उसने श्रावण माह के कारण गैर हिंदू से खाना न लेने की बात कही.
अमित का चैट सोशल मीडिया खूब वायरल हो रहा है. शुक्ला ने मंगलवार रात ट्वीट किया, "अभी-अभी मैंने जोमैटो से एक ऑर्डर रद्द किया. उन्होंने मेरा खाना गैर-हिन्दू व्यक्ति के हाथ भेजा और कहा कि वे इसे न तो बदल सकते हैं और न ही ऑर्डर रद्द करने पर पैसा वापस कर सकते हैं. मैंने कहा कि आप मुझे खाना लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं. मुझे पैसा वापस नहीं चाहिए, बस ऑर्डर रद्द करो."
अमित ने जोमैटो के कस्टमर केयर से की गई बातचीत का स्क्रीनशॉट भी साझा किया और कहा कि वह अपने वकील से इस बारे में परामर्श करेगा. जोमैटो ने इस ट्वीट के जवाब में लिखा, "खाने का कोई धर्म नहीं होता है. खाना खुद ही एक धर्म है."