केन्द्र में अपने सहयोगी दल कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का एजेंट बताते हुए तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने आज तमाम अटकलों को विराम देते हुए 30 मई को राज्य में होने वाले नगर निकाय चुनावों के लिये कांग्रेस से तालमेल करने से इनकार कर दिया.
ममता ने कहा कि जंग में दोस्ताना लड़ाई नहीं हो सकती. हालांकि उन्होंने कहा कि यथोचित सम्मान मिलने तक तृणमूल का केन्द्र में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन से रिश्ता बरकरार रहेगा.
कोलकाता नगर निगम (केएमसी) चुनाव के लिये सीट बंटवारे पर तालमेल नहीं बन पाने के लिये कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए ममता ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा ‘‘माकपा को ऑक्सीजन देने वालों के साथ हम कोई तालमेल नहीं कर सकते. हम उनके लिये एक भी सीट नहीं छोड़ेंगे.’’ केएमसी चुनाव के लिये सभी 141 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करने वाली ममता ने कहा कि जंग में कोई दोस्ताना लड़ाई नहीं होती. उन्होंने कहा ‘‘कांग्रेस ने गठबंधन तोड़ा है. बंगाल में अब हमारा गठबंधन नहीं रहा.’’
ममता ने कहा ‘‘गठबंधन तोड़ने वालों को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिये. उन्हें यह समझना चाहिये कि हमारा रास्ता अलग है और हम अपने हिसाब से फैसले लेंगे. हम माकपा के एजेंटों के साथ ऐसा (गठबंधन) नहीं कर सकते.’’
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी केन्द्र में संप्रग सरकार के साथ सिर्फ इसलिये है क्योंकि वहां एक पार्टी की सरकार नहीं है. ‘‘कांग्रेस प्रमुख घटक है और सरकार की अगुवाई कर रही है लेकिन उसके पास 206 सांसद हैं और वह बहुमत के लिये जरूरी 273 के आंकड़े से काफी दूर है.’’ ममता ने कहा ‘‘गठबंधन के हित में हमने बहुत सी बातें नजरअंदाज की हैं लेकिन दिल्ली की सरकार को परेशानी में नहीं डाला. भविष्य में समुचित सम्मान मिलते रहने तक हम ऐसा नहीं करेंगे.’