फिल्म पद्मावती को लेकर छिड़ा विवाद अब संसद भवन की दहलीज पर पहुंच गया. संसदीय समिति ने 30 नवंबर को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और सेंसर बोर्ड को तलब करते हुए पद्मावती फिल्म पर पूरी रिपोर्ट मांगी है. संसदीय याचिका समिति के अध्यक्ष भगत सिंह कोश्यारी ने इससे पहले 15 दिन के अंदर पद्मावती फिल्म को लेकर इतिहास से तोड़फोड़ के आरोपों की सत्यता की जांच कर रिपोर्ट मांगी थी.
संसदीय समिति के नोटिस के बाद सेंसर बोर्ड को संजय लीला भंसाली को तलब कर उनसे पूरी रिपोर्ट लेनी होगी. बीजेपी के दो सांसदों की याचिका पर बीजेपी सांसद भगत सिंह कोश्यारी के नोटिस पर कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत का कहना है कि गुजरात चुनाव को लेकर बीजेपी पद्मावती फिल्म के मुद्दे को हवा दे रही है. कारर्वाई करना है तो केंद्र सरकार को किसने रोका है. अपनी ही सरकार में विरोध का क्या मतलब है.
वहीं फिल्म पद्मावती के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली को संसद की पिटिशन कमेटी ने समन जारी किया है. उन्हें 30 नवंबर को पेश होने का आदेश दिया गया है. दरअसल, चित्तौड़गढ़ के सांसद सीपी जोशी ने 20 नवंबर को पिटिशन कमेटी में अपील की थी कि फिल्म पद्मावती में इतिहास को गलत तरीके से पेश किया गया है, जिसके बाद दायर याचिका पर संज्ञान लेते हुए पिटिशन कमेटी ने भंसाली को नोटिस जारी किया है.
इस बीच हरियाणा कैबिनेट में पद्मावती पर बैन लगाने मांग हुई है. जानकारी के मुताबिक़ सीएम मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में कैबिनेट की एक बैठक हुई. इसमें फिल्म पर इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया. कैबिनेट में दो मंत्रियों ने इस तरह का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा, अगर फिल्म के विवादित कंटेंट नहीं हटाए जा रहे हैं तो राज्य में इसके प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए. अगर ऐसा हुआ तो यूपी, राजस्थान, एमपी के बाद हरियाणा बीजेपी शासित चौथा राज्य होगा जहां पद्मावती के कंटेंट को लेकर इस उस पर बैन लगाया जा रहा है. बताते चलें कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने भी विवादित कंटेंट हटाए बिना प्रदर्शन रोकने की बात कही है.
दरअसल पद्मावती फिल्म के खिलाफ राजपूत समाज, नेताओं, क्षत्रिय संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन के बाद फिल्म की रिलीज डेट पहले ही टल चुकी है. सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा कि फिल्म की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सर्टिफिकेट देने में 68 दिन लग सकते हैं.