पाकिस्तान को उसकी भूमि पर आतंकी समूहों को खत्म नहीं करने के लिए आड़े हाथों लेते हुए रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने शुक्रवार को कहा कि देश ने ऐसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने की इच्छाश्क्ति का प्रदर्शन नहीं करते हुए उन्हें पनपने का मौका दिया. उन्होंने कहा कि चीन पाकिस्तान का सैन्य गठजोड़ गंभीर चिंता का कारण है.
एंटनी ने कहा कि भारत को पाकिस्तान के घटनाक्रमों की ‘‘करीबी से निगरानी’’ करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘इस्लामाबाद को अपनी भूमि से होने वाली आतंकी गतिविधियों पर रोक लगानी चाहिए. बहरहाल, जमीनी स्तर पर आतंकी ढांचे बरकरार हैं तथा हकीकत यह है कि वे पनप रहे हैं.’’ उन्होंने रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान की स्थापना दिवस के अवसर पर यहां कहा, ‘‘ पाकिस्तान ने अभी तक आतंकवादियों और अंतरराष्ट्रीय अपराधों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई नहीं की है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘चीन और पाकिस्तान के सैन्य क्षेत्र में गठजोड़ भारी चिंता का विषय बना हुआ है. हमें निरंतर चीन की सैन्य क्षमताओं का आकलन करना पड़ता है और उसके अनुसार अपनी प्रतिक्रियाओं को ढालना पड़ता है. इसी के साथ हमें हर समय सतर्क रहना पड़ता है.’’ बहरहाल, रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि चीन आपसी समझ एवं समृद्धि के मकसद से की गयी पहल पर माकूल प्रतिक्रिया करेगा.
उन्होंने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत चीन सहित अपने पड़ोसियों के साथ मित्रता एवं सौहाद्र्रपूर्ण संबंध बनाना चाहता है. हमारे प्रयास जारी हैं. इसके साथ ही कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो हमारे लिए चिंता का कारण हैं.’’ अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों में भारत की हैसियत बढ़ने की ओर ध्यान दिलाते हुए एंटनी ने कहा कि अन्य देश कुछ साझा चिंताओं को पूरा करने के लिए नयी दिल्ली से बहुत अधिक की उम्मीद कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने पड़ोसियों के साथ लंबित मुद्दों का समाधान निकालने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं.
हमने अपने सभी पड़ोसियों के साथ मित्रतापूर्ण संबंध बनाने के लिए हमेशा प्रयास किये हैं. एक जीवंत लोकतंत्र और समृद्ध हो रही अर्थव्यवस्था होने के कारण हम क्षेत्र के सुरक्षा समीकरणों की अनदेखी नहीं कर सकते.’’ एंटनी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा पाकिस्तान के साथ वार्ता बहाल करने की इच्छा जताये जाने को भारत की क्षेत्र में शांति बहाल करने की आकांक्षा के रूप में देखा जाना चाहिए.