scorecardresearch
 

मुंबई हमले में पाक अदालत का नया पैंतरा

मुंबई  हमलों में संलिप्तता के सात आरोपियों के मुकदमे की सुनवाई कर रही आतंकवाद रोधी अदालत में अभियोजकों ने सोमवार को इस मामले में एक भारतीय न्यायाधीश तथा पुलिस अधिकारी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पूछताछ की इजाजत मांगने सम्बन्धी याचिका दाखिल की.

Advertisement
X

Advertisement

मुंबई  हमलों में संलिप्तता के सात आरोपियों के मुकदमे की सुनवाई कर रही आतंकवाद रोधी अदालत में अभियोजकों ने सोमवार को इस मामले में एक भारतीय न्यायाधीश तथा पुलिस अधिकारी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पूछताछ की इजाजत मांगने सम्बन्धी याचिका दाखिल की.

अभियोजकों ने लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी समेत सात आरोपियों के मुकदमे की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश मलिक मुहम्मद अकरम अवान की अदालत में यह अर्जी दायर की.

इससे पहले, पाकिस्तान ने भारत से मुम्बई हमलों को अंजाम देते हुए पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी अजमल कसाब का इकबालिया बयान दर्ज करने वाले अपर मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आर. वी. सावंत वाघुले तथा जांच अधिकारी रमेश महाले को रावलपिंडी की आतंकवाद रोधी अदालत में गवाही के लिये भेजने को कहा था.

भारत ने इन दोनों अधिकारियों को पाकिस्तान भेजने की सम्भावना से इनकार किया था लेकिन साथ ही यह भी कहा था कि उनसे वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये बात की जा सकती है.

Advertisement

पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक का कहना है कि दोनों भारतीय अधिकारियों की गवाही लेना कानूनी आवश्यकता है और इससे सात पाकिस्तानी संदिग्धों के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही तेज करने में मदद मिलेगी.{mospagebreak}
विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों भारतीय अधिकारियों की गवाही इसलिये भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मुकदमा काफी हद तक कसाब के बयान पर निर्भर करता है.
लखवी समेत मामले के सातों अभियुक्तों का अदालत में बचाव कर रहे वकील अभियोजन की इस अर्जी को मुकदमे की कार्यवाही लटकाने का हथकंडा करार दे रहे हैं.

बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं में शामिल शहबाज राजपूत ने कहा ‘‘यह याचिका फुजूल और वक्त की बर्बादी करने वाली है. पाकिस्तान के मौजूदा कानूनों के मुताबिक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये किसी का बयान लेना मुमकिन नहीं है.’

राजपूत ने कहा ‘‘हम इस अर्जी का विरोध करेंगे. हमारे मुवक्किल तकरीबन दो साल से हिरासत में हैं और अभियोजन पक्ष की तरफ से ऐसे याचिकाएं दायर किया जाना इस बात की साफ निशानी है कि वह मामले को लटकाना चाहता है.’ एक सम्बन्धित घटनाक्रम में न्यायाधीश अवान ने नवनियुक्त लोक अभियोजक अजहर महमूद द्वारा स्थगन मांगने पर लखवी की जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी.

महमूद ने लाहौर उच्च न्यायालय में एक अन्य मामले में व्यस्त होने की वजह से सुनवाई स्थगित करने की गुजारिश की थी. हाल में हुई सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद लखवी की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया था.

Advertisement

इस याचिका पर मुम्बई हमलों के मामले के साथ ही आगामी 28 अगस्त को सुनवाई होने की सम्भावना है.

लखवी तथा छह अन्य अभियुक्तों पर मुम्बई हमलों की साजिश रचने तथा उन्हें अंजाम देने में मदद करने के आरोप में मुकदमा चलाया जा रहा है. 26 नवम्बर 2008 को हुए इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे.

Advertisement
Advertisement