भारत ने आज पाकिस्तान से आधिकारिक तौर पर लाहौर की कोट लखपत जेल में कैदियों के हमले का शिकार हुए भारतीय कैदी सरबजीत सिंह को वापस भेजने की मांग की है.
भारत ने कहा है कि पाकिस्तान मानवीय आधार पर सरबजीत सिंह को बेहत इलाज के लिए वापस भारत भेज दे. इसके साथ ही भारत ने सरबजीत पर हमला करने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है.
इस बीच, लाहौर हाईकोर्ट में सरबजीत सिंह पर अर्जी दायर की गई है, जिसमें उन्हें इलाज के लिए लंदन भेजने की मांग की गई है.
सरबजीत को विदेश नहीं भेजा जाएगा
इससे पहले पाकिस्तान ने साफ कर दिया था कि सरबजीत सिंह को इलाज के लिए विदेश नहीं भेजा जाएगा, बल्कि उनका इलाज पाकिस्तान में ही होगा. सरबजीत को इलाज के लिए विदेश भेजा जाए या नहीं, इस पर फैसल लेने के लिए पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की अंतरिम सरकार ने चार सदस्यीय समिति बनाई थी, जिसने सरबजीत को इलाज के लिए विदेश नहीं भेजने का फैसला लिया है.
लाहौर जिन्ना अस्पताल के प्रिंसिपल महमूद शौकत की अध्यक्षता में गठित समिति के अन्य सदस्यों में प्रोफेसर जफर इकबाल, प्रोफेसर अंजुम हबीब और प्रोफेसर नईम कसूरी शामिल थे. महमूद शौकत ने सरबजीत सिंह के स्वास्थ्य परीक्षण और 2 सीटी स्कैन रिपोर्ट के आधार पर यह फेसला लिया.
सूत्रों के अनुसार, सरबजीत को सिर में गंभीर चोट है और ऐसी स्थिति में उनका ऑपरेशन नहीं हो सकता.
कैदियों ने किया था सरबजीत पर हमला
सरबजीत पर 26 अप्रैल को कोट लखपत जेल के कैदियों ने जानलेवा हमला कर दिया था, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गए थे. उन्हें लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है. उन पर ईंट और अन्य घातक चीजों से हमला किया गया. उन्हें सिर में गंभीर चोट आई है और फिलहाल आईसीयू में रखा गया है. उनका परिवार पाकिस्तान पहुंच चुका है.
पाकिस्तान में सरबजीत का परिवार
उधर, रविवार को सरबजीत को देखने के बाद परिवार के सदस्यों ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है. सरबजीत को देखने के लिए उसके परिवार के लोग अमृतसर से रविवार दोपहर लाहौर पहुंचे थे. परिवार के लोगों ने सरबजीत को इलाज के लिए भारत या किसी और मुल्क ले जाने की अनुमति देने की गुहार लगाई है.
सरबजीत के लिए दुआ करो!
लाहौर के अस्पताल में देखने के बाद सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने कहा, 'जब हमने आईसीयू में उसे देखा तब वह वहां बेसुध पड़ा हुआ था. डॉक्टरों ने हमसे कहा कि उसकी हालत नाजुक है. मेहरबानी करके हमारे भाई को बचाने में हमारी मदद कीजिए.'
सरबजीत को देखने के लिए उसकी बहन दलबीर कौर के साथ उनकी पत्नी सुखप्रीत कौर और दो बेटियां स्वप्नदीप और पूनम भी लाहौर पहुंची हैं. अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि सरबजीत की हालत नाजुक है और उसके बचने की उम्मीद कम ही है.
22 सालों से बंद है सरबजीत
कोट लखपत जेल में शुक्रवार को चार से पांच कैदियों के ईंटों व अन्य धारदार वस्तुओं से किए गए हमले में 49 वर्षीय सरबजीत के सिर में गंभीर चोटें आई हैं. पाकिस्तान में आतंकवादी हमले के आरोप में फांसी की सजा पाए सरबजीत पिछले 22 सालों से जेल में बंद है. सरबजीत के परिवार का दावा है कि वह निर्दोष हैं तथा अगस्त 1990 में गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान चले गए थे, जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.