पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय द्वारा जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद की रिहाई पर निराशा जताते हुए भारत ने शुक्रवार को कहा कि उसने मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के ‘मास्टरमाइंड’ के खिलाफ पाकिस्तान को ‘पर्याप्त सबूत’ दिए थे जो उसे सजा दिलाने के लिए पर्याप्त था.
विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने संवाददाताओं को बताया ‘स्वाभाविक तौर पर हम इस बात से निराश हैं कि पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने हाफिज मोहम्मद सईद की रिहाई के खिलाफ संघीय और पंजाब सरकार की अपील को खारिज कर दिया. हम अभी भी सईद को मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड मानते हैं.’
कृष्णा ने कहा ‘पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने अपने पास मौजूद सबूतों के आधार पर ही निष्कर्ष दिए हैं. हमने पर्याप्त सबूत दिए हैं. हमारे कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि हमारी ओर से मुहैया कराए गए सबूत सईद पर मुकदमा चलाने और सजा दिलाने के लिए काफी थे.’
उन्होंने कहा कि सईद ने खुलेआम भारत के खिलाफ जेहाद का ऐलान किया था और उसकी अगुवाई वाले संगठन लश्कर-ए-तय्यबा और जमात-उद-दावा को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से आतंकवादी संगठन बताया गया है.
विदेश मंत्री कृष्णा ने कहा ‘पाकिस्तान ने हमें भरोसा दिलाया है कि वे अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवाद फैलाने में नहीं होने देंगे.’ उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान के इसी भरोसे पर आगे बढ़ना चाहता है. पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने सबूत की चाह में सोमवार को सईद की नजरबंदी से रिहाई के खिलाफ सरकार की अपीलों को खारिज कर दिया था, जो मुंबई हमलों में शामिल होने का सबूत मुहैया करा रहे भारत के लिए करारा झटका था.
भारत का मानना है कि 26/11 हमले का मास्टरमाइंड सईद ही है. मुंबई में हुए इस हमले में कुछ विदेशी नागरिकों सहित कुल 166 लोगों की जान चली गयी थी. लश्कर-ए-तय्यबा ने इस हमले का अंजाम दिया था. नई दिल्ली इस हमले में शामिल रहने के कारण सईद के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है. लेकिन, पाकिस्तान यह कहता आया है कि सईद को सलाखों के पीछे डालने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं.