जेडीयू नेता शरद यादव की इफ्तार पार्टी में खास मेहमान पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित बेगाने से नजर आए. इफ्तार में शामिल होने पहुंचे अब्दुल बासित को वीआईपी लोगों के बीच लेकर आए होस्ट शरद यादव ने उनको नीतीश कुमार से मिलवाया. उनके पीछे गुलाम नबी आजाद से लेकर डी राजा समेत तमाम नेता एक लाइन से बैठे रहे, लेकिन किसी ने बासित से दुआ सलाम तक नहीं किया.
खुद शरद यादव भी उसके बाद नीतीश के साथ आगे निकल गए और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, नीतीश कुमार, कपिल सिब्बल के साथ बैठ गए.
सोनिया का इंतजार और बासित का अकेलापन
इसके बाद पार्टी को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का इंतजार था. उसके पहले वीआईपी लोगों के बैठने का नजारा ऐसा था, जो बासित के बेगानेपन का गवाह बना. पहली बैठकी में सिब्बल, शरद, नीतीश और हामिद अंसारी थे. किनारे की बैठकी में आजाद, राजा और तमाम नेता थे, लेकिन जब बासित ने देखा कि उनसे कोई नहीं मिल रहा, तो वो खुद किनारे की बैठकी में जाकर हर नेता से दुआ सलाम करने पहुंचे, लेकिन किसी ने उनसे अपने पास बैठने को नहीं कहा. आखिरकार वो बीच की खाली जगह में आकर अकेले अपने जूनियर के साथ बैठने को मजबूर हो गए.
शरद यादव के साथ आईं सोनिया गांधी
फिर सोनिया गांधी आईं, तो गेट से उनको लेकर होस्ट शरद यादव लेकर आए. पहली वीआईपी बैठकी में नीतीश, सिब्बल, हामिद अंसारी से मिलवाया और मुलाकात का सिलसिला वहीं थम गया. सिब्बल, शरद, सोनिया, हामिद और के.सी त्यागी एक साथ बैठ गए. ना सोनिया को शरद आगे बासित या किसी से मिलाने ले गए और ना ही सोनिया खुद गईं.
जय प्रकाश यादव बैठे बासित के साथ
लालू की आरजेडी की तरफ से आए जयप्रकाश यादव को बासित के आस-पास जगह खाली दिखी, तो वो आकर बैठ गए, लेकिन दोनों के बीच शिष्टाचार के नाते हुए दुआ सलाम के बाद कोई बात नहीं हुई. काफी देर तक बैठे रहे बासित शायद समझ रहे थे कि वजह पाकिस्तान की ताज़ा हरकतें हों या फिर हाफिज़ सईद के बयान, कोई भारतीय नेता उनके करीब नहीं दिखना चाहता.
मीडिया के सवालों से हुए परेशान
इफ्तार पार्टी में बेगाने से दिख रहे बासित जैसे ही बैठकी से निकले, तो मीडिया ने सवालों के गोले उन पर दाग दिए. जैसे-तैसे वो नमाज पढ़ने की तरफ बढ़ें, बार बार यही कहते रहे कि पहले नमाज पढ़ने दीजिये फिर बात करेंगे. जाहिर था कि कठोर सवाल उनको खासे चुभ रहे थे. आखिर में 'आजतक' ने पंपोर आतंकी हमले पर हाफिज सईद की बयानबाजी पर सवाल दागा, तो बासित सवाल सुनते ही खामोशी से मीडिया के कैमरों से बचते-बचाते अपनी गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए. शायद वो भी सोच रहे होंगे कि इफ्तार पार्टी में तो आए, लेकिन पाकिस्तान की ताजा हरकतों ने उनको असहज जरूर कर दिया.