लाहौर हाई कोर्ट ने गुरुवार को 26/11 हमले के मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी को तत्काल रिहा करने के आदेश दिए हैं, जिस पर भारत कड़ा ऐतराज जताया है. गृह मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करना होगा कि लखवी जेल से बाहर ना आ पाए.
भारत ने कोर्ट ने आदेश को 'बेहद निराशाजनक घटना' करार दिया है. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'यह बेहद निराशाजनक घटनाक्रम है. पाकिस्तान को हरसंभव यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लखवी जैसे आतंकवादी जेल से बाहर न आने पाएं.' पाक सरकार द्वारा अदालत में लखवी के खिलाफ संवेदनशील रिकॉर्ड पेश करने में विफल रहने के बाद लाहौर हाई कोर्ट ने सार्वजनिक व्यवस्था रख रखाव आदेश के तहत हिरासत में लिए गए 55 वर्षीय लखवी को रिहा करने का आदेश दिया. जज ने लखवी को अपनी रिहाई के लिए दस दस लाख रुपये के दो मुचलके भरने को कहा है.
कानूनी उपाय करे पाकिस्तान
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, 'मुंबई आतंकवादी हमले के पीड़ितों के प्रति न्याय सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तान को तत्काल उचित मंच पर सभी कानूनी उपाय करने चाहिए.' लखवी और छह अन्य लोगों पर नवंबर 2008 में मुंबई हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का आरोप है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे. छह अन्य में अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमाद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और युनिस अंजुम शामिल हैं.
लखवी को लश्कर-ए-तय्यबा के संस्थापक और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद का करीबी रिश्तेदार के तौर पर जाना जाता है. उसे दिसंबर 2008 में गिरफ्तार किया गया था और 25 नवंबर 2009 को 26/11 हमला मामले में छह अन्य के साथ आरोपित किया गया था. इस मामले की 2009 से सुनवाई चल रही है.
-इनपुट भाषा से