बीएसएफ ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तानी रेंजर्स सीमा के नजदीक बंकर बना रहे हैं जो काफी ‘‘रक्षात्मक’’ प्रकृति के हैं और इनका उद्देश्य उनके अपने ही देश से होने वाले हमलों को रोकना हो सकता है.
बीएसएफ के महानिदेशक रमन श्रीवास्तव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें पता चला है कि सीमा के नजदीक कुछ निर्माण कार्य चल रहा है.’’ उन्होंने कहा कि प्रतीत होता है कि ऐसे रक्षात्मक बंकरों का उद्देश्य अपनी सीमा चौकियों पर तालिबान या अन्य आतंकवादियों को रोकने के लिए एहतियाती उपाय करना है. नक्सलियों के खिलाफ बहुराज्यीय समन्वय आक्रमण में बीएसएफ की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर श्रीवास्तव ने कहा कि पांच बटालियनों (करीब 5000 कर्मचारी) को पहले ही क्षेत्रों में लगाया जा चुका है और आठ और बटालियनों को भेजा जाएगा.
नक्सल विरोधी अभियानों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी के जवानों से बना टास्क फोर्स वहां काम करेगा जहां तीन या दो राज्यों की सीमाएं मिलती हों. नक्सल विरोधी अभियान मार्च के अंत में शुरू होगा. हाल ही में गठित बल की महिला शाखा के बारे में पूछे जाने पर श्रीवास्तव ने कहा कि वह ‘‘काफी खुश हैं.’’ महिला शाखा को सीमा पर जांच कार्यों में लगाया गया है.
श्रीवास्तव ने कहा कि महिला सिपाहियों ने बातचीत के दौरान सीमा पर तैनात करने का आग्रह किया और साथ ही नक्सल विरोधी अभियानों का हिस्सा बनाने का भी आग्रह किया था. उन्होंने कहा कि इस बात पर चर्चा हो रही है कि महिला सिपाहियों को और किन कार्यों में लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि परीक्षण के तौर पर बल अपने कुछ जवानों को गुजरात में जल युद्ध का भी प्रशिक्षण दे रहा है. उन्होंने कहा कि जल अभियानों के लिए जिन जवानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है उन्हें सफल रहने की स्थिति में बीएसएफ की तैनाती वाले इलाकों में रखा जाएगा. सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ के बारे में उन्होंने कहा कि कई जगहों से वह घुसपैठ का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिमपात में बढ़ोतरी होते ही बीएसएफ को घुसपैठ बढ़ने का अंदेशा है क्योंकि ऐसे समय में बाड़ भी बर्फ से ढक जाती है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपनी गश्त बढ़ा दी है और घुसपैठ की किसी भी घटना को रोकने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.’’