पठानकोट हमले की जांच करने आई पाकिस्तान की ज्वॉइंट इन्वेस्टिगेशन टीम (जेआईटी) इस हमले को अपने देश के खिलाफ भारत का 'शातिराना दुष्प्रचार' करार दिया है.
पाकिस्तान टुडे की खबर के मुताबिक, पाक जेआईटी जल्द अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सौंप देगी. पठानकोट एयरबेस का दौरा कर चुके जेआईटी के एक सदस्य ने कहा, पठानकोट हमला पाकिस्तान के खिलाफ 'शातिराना दुष्प्रचार' के सिवा कुछ नहीं था क्योंकि भारतीय अथॉरिटीज के पास अपने दावों के हक में कोई सबूत नहीं था.
तंजील अहमद की हत्या को भुनाने की कोशिश
पाक जेआईटी ने एनआईए के अधिकारी तंजील अहमद की हत्या का मुद्दा भी उठाया है. जेआईटी ने कहा कि पठानकोट हमला भारत की साजिश था, जिसके जरिए
पाकिस्तान की छवि खराब करने की कोशिश की गई, लेकिन भारत खुद इस मामले से पर्दा नहीं उठाना चाहता. जेआईटी सदस्य ने कहा, एक मुस्लिम जांचकर्ता (तंजील
अहमद) की हत्या से यह साबित होता है. हालांकि एनआईए अधिकारी पहले ही साफ कर चुके हैं कि तंजील पठानकोट हमले के लिए एनआईए की जांच टीम के सदस्य
नहीं थे.
हमें एयरबेस से सबूत नहीं जुटाने दिए गए: JIT
जेआईटी ने कहा कि उसे पठानकोट एयरबेस में मेन एंट्री गेट की बजाय एक संकरे रास्ते से प्रवेश कराया गया और उन्हें वहां 55 मिनट तक रुकने दिया गया. जेआईटीके
एक सदस्य ने कहा कि उनकी टीम को एयरबेस से सबूत नहीं जुटाने दिए गए.
जेआईटी ने कहा- कोई सबूत नहीं कि हमलावर पाकिस्तान से भारत में घुसे थे
जेआईटी अधिकारियों ने पाकिस्तान टुडे से बातचीत में कहा, 'भारतीय अधिकारी यह साबित ही नहीं कर पाए कि पठानकोट के हमलावर पाकिस्तान से भारत में घुसे थे.
'हमले के चंद घंटों के अंदर भारतीय सुरक्षा बलों ने हमलावरों को मार गिराया गया, लेकिन भारत ग्लोबल कम्यूनिटी का ज्यादा से ज्यादा ध्यान खींचने के लिए तीन दिन
तक ड्रामा करता रहा, ताकि पाकिस्तान की छवि खराब की जा सके.'