सीमा पर भले ही अशांति हो, लेकिन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ चाहते हैं कि दोनों देश शांति से रहें और युद्ध पर ध्यान देने की बजाय अपने यहां गरीबी से निपटें. नवाज चाहते हैं कि गरीबी और जहालत मिटाने के लिए दोनों देश हाथ मिलाएं.
शरीफ ने इसी साल जून में पदभार संभालने के बाद राष्ट्र के नाम दिए अपने पहले संबोधन में कहा कि कश्मीर एक ‘राष्ट्रीय मुद्दा और गले की फांस’ है तथा इसका समाधान उनके तथा दूसरे पाकिस्तानियों के लिए बहुत अहम है.
उन्होंने आगाह किया- पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत किए बिना कोई लक्ष्य हासिल नहीं कर सकता और ‘ऐसे में हमें अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, अपनी आंतरिक और बाहरी समस्याओं को दूर करने तथा बिजली संकट एवं आतंकवाद से निपटने पर ध्यान देना चाहिए.’ शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान और भारत को गरीबी और जहालत को दूर करने के लिए हाथ मिलाना चाहिए.
शरीफ ने भारत के साथ अच्छे संबंध बनाने की इच्छा प्रकट करते हुए कहा, ‘दोनों देशों को इस सच्चाई को स्वीकार करना होगा कि युद्ध पर अपने संसाधनों और उर्जा खर्च करने की बजाय गरीबी, जहालत और बीमारियों के खिलाफ मिलकर जंग छेड़ना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘इतिहास गवाह है कि किसी देश का विकास पड़ोसियों के साथ अच्छे रिश्ते से जुड़ा होता है. इसीलिए हम भारत सहित सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं.’ शरीफ ने कहा कि वह हमेशा से भारत के साथ अच्छा रिश्ता चाहते हैं और मई में चुनाव के दौरान जनता उनकी इस भावना का समर्थन किया.
जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर झड़पों का जिक्र किए बिना पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका देश अपनी सरजमीं की हिफाजत करने के लिए पूरी तरह तैयार है.
उन्होंने अमेरिकी ड्रोन हमलों को पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि इस बारे में अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी को बता दिया गया है.