पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में शुक्रवार को आत्मघाती हमलावारों ने एक पुलिस स्टेशन और आईएसआई कार्यालय पर हमले किए जिनमें कम से कम 10 लोगों की मौत हो गयी और 40 अन्य घायल हुए हैं.
पेशावर में आईएसआई कार्यालय बना निशाना
पुलिस और राहत सेवा के अधिकारियों ने बताया कि पेशावर शहर के छावनी क्षेत्र में आईएसआई के कार्यालय के गेट पर विस्फोटक से लदी कार से सुबह छह बजकर 40 मिनट पर आत्मघाती हमला किया गया. इसमें कम से कम 8 लोगों की मौत हो गयी और 30 अन्य घायल हो गये. पुलिस महानिदेशक मलिक नावेद खान ने संवाददाताओं को बताया कि कार में करीब 200 किलोग्राम विस्फोटक भरा था. विस्फोट के कारण इमारत का अगला हिस्सा और नजदीक की एक चौकी तहस नहस हो गयी. लेडी रीडिंग अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि दो सुरक्षा कर्मियों, चार नागरिकों और एक निजी सुरक्षा गार्ड का शव मिला है. छह साल के एक लड़के सहित करीब 30 घायलों को इस अस्पताल में लाया गया है. शेष घायलों और शवों को सेना के अस्पताल ले जाया गया है.
बन्नू में पुलिस स्टेशन पर हुआ हमला
खबर मार्ग स्थित आईएसआई के जिस कार्यालय को निशाना बनाया गया है वह सैन्य स्टेडियम और पश्चिमोत्तर प्रांत के मुख्यमंत्री तथा गर्वनर सहित कई मुख्य लोगों के आवास के करीब स्थित है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, विस्फोट के बाद गोलीबारी की आवाज सुनी गयी. जियो न्यूज चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरे आत्मघाती हमले में, पश्चिमोत्तर प्रांत के बन्नू में एक पुलिस स्टेशन पर विस्फोटक से लदी कार से हमला किया गया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गयी और 10 अन्य घायल हो गये. चैनल ने कहा कि उत्तरी वजीरिस्तान के कबीलाई क्षेत्र में मिरानशाह की ओर जाने वाले मार्ग पर स्थित यह पुलिस स्टेशन तबाह हो गया और कई लोग इसके मलबे में दब गये.
पेशावर में बंद किए गए स्कूल
आईएसआई कार्यालय पर हमले के बाद पेशावर में स्कूल बंद कर दिए गए. पुलिस ने पेशावर के मुख्य खबर मार्ग को तुरंत सील कर दिया. विस्फोट स्थल पर जांचकर्ता किसी सुराग की तलाश की कोशिशों में लगे हैं. पेशावर में हाल के दिनों में कई घातक आत्मघाती हमले हुए हैं और पूरे पाकिस्तान में बम विस्फोटों की झड़ी लगी हुई है. पिछले महीने, शहर में व्यावसायिक क्षेत्र में हुए एक कार बम हमले में करीब 120 लोग मारे गये थे. अभी तक किसी भी संगठन ने आज के हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन अधिकारियों को तालिबान पर शक है, जिसने हाल ही में दक्षिणी वजीरिस्तान में सैन्य कार्रवाई का विरोध किया था.