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'भगत सिंह की फांसी पर माफी मांगें क्वीन एलिजाबेथ'

भगत सिंह को उनके साथी राजगुरू और सुखदेव के साथ 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई थी.

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शहीदी दिवस के मौके पर भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी गई
शहीदी दिवस के मौके पर भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी गई

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पाकिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को कहा कि स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को 1931 में फांसी देने के लिए ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ को माफी मांगनी चाहिए और उनके परिवार के लोगों को मुआवजा देना चाहिए. उन्होंने यह मांग सिंह की 85वें शहीदी दिवस के मौके पर की.

भगत सिंह को श्रद्धांजलि
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बुधवार को दो स्थानों पर भगत सिंह की पुण्यतिथि मनाई गईं. पहला कार्यक्रम भगत सिंह के जन्म स्थान पर हुआ जो यहां से करीब 100 किलोमीटर दूर फैसलाबाद जिले के जरनवाला के बंगा चक में चक 105-जीबी में है. विभिन्न तबकों के लोग कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंचे और स्वाधीनता में उनके संघर्ष के लिए उन्हें श्रद्धांजलि दी. दूसरा कार्यक्रम शदमन चौक पर आयोजित किया गया, जहां भगत सिंह को उनके साथी राजगुरू और सुखदेव के साथ 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई थी. इससे पहले उन पर शासन के खिलाफ साजिश के आरोप में मुकदमा चलाया गया था.

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भगत सिंह की फांसी पर उठे सवाल
सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें मांग की गई कि ब्रिटेन की महारानी (महारानी एलिजाबेथ द्वितीय) स्वतंत्रता आंदोलन के नायक को फांसी देने के लिए माफी मांगें, साथ ही उनके परिवार के सदस्यों को मुआवजा दें. उन्होंने कहा कि भगत सिंह को पहले उम्रकैद की सजा दी गई थी लेकिन बाद में अन्य ‘मनगढ़ंत मामले’ में मौत की सजा दी गई.

महारानी तक प्रस्ताव पहुंचाने की कोशिश
भारतीय उच्चायुक्त गौतम बमबाले का एक लिखित संदेश भी इस मौके पर पढ़ा गया. उन्होंने भगत सिंह की यादों को जिंदा रखने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित करने पर भगत सिंह फाउंडेशन की कोशिशों की सरहाना की. मानवाधिकार कार्यकर्ता अब्दुलाह मलिक ने कहा कि हम इस संकल्प को महारानी तक भेजने के लिए इस्लामाबाद में ब्रिटेन उच्चायोग को सौंपेंगे.

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