पाकिस्तान के विदेश सचिव सलमान बशीर ने कहा कि उनका देश भारत के साथ अपने रिश्तों में उठी प्रतिगामी लहर को पलटने के प्रति आशान्वित है. बशीर ने कहा कि प्रमुख मुद्दा कश्मीर ही है और यह एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सियाचीन और सर क्रीक मुद्दे पर ध्यान देने तथा उसका हल निकालने की इच्छाशक्ति जताता है और हम मानते हैं कि ये मुद्दे सुलझाये जा सकते हैं. बशीर ने यह भी कहा कि आतंकवाद के मुद्दे को व्यापक तरीके से उठाया जाना और दोनों देशों के बीच समग्र संबंधों की प्रक्रिया को रोक देना अनुचित, अवास्तविक और प्रतिकूल है.
प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के पास शांतिपूर्ण और खुशहाल दक्षिण एशिया के लिये एक दृष्टिकोण है. उन्होंने कहा 'वर्तमान में दोनों देशों के बीच अपेक्षाओं और अविश्वास के बीच का बड़ा अंतर मौजूद है और मैं इन मतभेदों को दूर करने यहां आया हूं.
हम भारत के साथ हमारे संबंधों में सुधार लाने तथा एक नया अध्याय शुरू करने के लिये आगे बढ़ने को तैयार हैं.' बशीर ने कहा 'पाकिस्तान की चिंताओं को बातचीत की मेज पर लाया जाना चाहिये और हमारी चिंताएं परमाणु मिसाइलों के बारे में हैं. हम यह सुनिश्चित कराना जारी रखेंगे कि कोई भी हमारे खिलाफ या किसी अन्य देश के खिलाफ हमारे क्षेत्र का इस्तेमाल न करे.'
एक बार फिर से कश्मीर का राग अलापते हुए बशीर ने कहा कि कोई भी कश्मीर के मुद्दे की वास्तव में उपेक्षा नहीं कर सकता, इस मुद्दे को अनदेखा करने का रवैया मददगार नहीं होगा. 26/11 के आरोपियों में से एक हाफिज सईद के विषय में उन्होंने कहा कि सईद पर भारत के दस्तावेज में सबूत कम, साहित्य ज्यादा है.
आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की पहली प्राथमिकता आतंकवाद से निपटने की है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दिखावटी संवाद में यकीन नहीं रखता, पाकिस्तान इस बात में भी यकीन नहीं रखता कि भारत हमें उपदेश दे और मांग करे कि हमें यह करना चाहिये या वो करना चाहिये.