48 घंटे की शांति के बाद पाकिस्तान ने एक बार जता दिया है कि वह सुधर नहीं सकता है. पुंछ के बाद अरनिया सेक्टर में भी पाकिस्तान की ओर से फायरिंग शुरू हो गई है.
अरनिया सेक्टर के पिट्टल पोस्ट पर पाकिस्तान ने फायरिंग की है. रात 8 बजे के करीब पाकिस्तानी रेंजर्स की ओर से करीब तीन से चार राउंड फायरिंग की गई. इससे पहले पाकिस्तान की ओर से पुंछ में फायरिंग की गई थी.
आतंकी सरहद पार के ट्रेनिंग कैंपों में मौजूद
लश्कर से लेकर जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल से लेकर हरकत-उल-मुजाहिदीन तक के आतंकी सरहद पार के ट्रेनिंग कैंपों में मौजूद हैं. पाकिस्तान की कोशिश शायद उन आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने की है. जानकारों की मानें, तो सरहद पार चल रहे वे ट्रेनिंग कैंप आतंकियों के लिए लॉन्चिंग पैड हैं.
दरअसल, सरहद के उस पार पाकिस्तानी जमीन पर आतंक के 43 अड्डे चल रहे हैं, जिनमें 1600 आतंकी मौजूद हैं. आतंकी किसी एक खास संगठन के नहीं, बल्कि पाकिस्तानी की शह पर चलने वाले सारे खौफनाक आतंकी संगठनों के हैं.
'नापाक' हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाक
पाकिस्तान की तरफ से एक बार फिर 4 सेक्टरों में जबरदस्त फायरिंग की गई. हमले रिहाइशी और फौजी, दोनों ठिकानों पर किए गए.
करीब 48 घंटे की खामोशी के बाद पाकिस्तानी बंदूकें फिर से भारत के खिलाफ आग उगलने लगीं. जम्मू के पुंछ सेक्टर के केरनी इलाके में दोपहर बाद पाकिस्तान ने सेना के चार पोस्ट पर निशाना साधा और पूरा इलाका गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा. सेना के पोस्ट से लेकर रिहायशी इलाकों तक पर गोलीबारी से साफ हो गया कि दुश्मन का 'असली इलाज' अभी बाकी है.
पुंछ के जिस केरनी इलाके में पाकिस्तान ने अपनी बंदूकों का मुंह मोड़ा, वहां पिछले दिनों लगातार गोली और गोले बरसे. दो दिनों से सरहदें खामोश हुईं, तो लोगों ने घर-बार का रुख तो किया, लेकिन पाकिस्तान की दोबारा फायरिंग ने फिर से इलाके को दहशत के साए में डाल दिया.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'पाकिस्तानी सेना ने पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के शाहपुर करनी क्षेत्र में शनिवार दोपहर संघर्ष-विराम का उल्लंघन किया.' उन्होंने कहा, 'भारतीय चौकियों को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तानी सेना स्वचालित हथियारों का इस्तेमाल कर रही है. गोलीबारी दोपहर 12.45 बजे शुरू हुई, जो रुक-रुककर जारी है. भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है.'
नरेंद्र मोदी सरकार ने पाकिस्तान को कायदे से समझा दिया था कि हरकतें बंद नहीं हुईं, तो अंजाम भुगतने होंगे. सख्ती के बाद पाकिस्तान के होश ठिकाने तो आए, लेकिन दो दिन के बाद बंदूकें फिर से निशाना तलाशनें लगीं. शुक्रवार को पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी नहीं हुई थी.
गौरतलब है कि जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर बीते छह अक्टूबर से पाकिस्तानी सेना की बिना किसी उकसावे के की जा रही गोलीबारी में 8 नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 60 से भी ज्यादा लोग घायल हुए हैं. सीमा के आसपास रहने वाले करीब 30 हजार लोगों को शिविरों में शरण लेना पड़ा है.
दरअसल, आतंकियों की नई खेप हथियार थामे तैयार बैठी है. फायरिंग की आड़ में पाकिस्तानी फौज इनके लिए घुसपैठ का रास्ता तैयार कर रही है. गोलीबारी से निपटने के लिए भारत ने भी अपने टागरेट तलाश लिए हैं. ट्रिगर पर सधी अंगुली कभी भी एक्शन में आ सकती है.