एक तरफ जहां पाकिस्तान अपनी धरती का इस्तेमाल भारत विरोधी आतंकी समूहों को करने से रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाते हुए नहीं दिख रहा वहीं जब उसके यहां आतंकी हमले हुए तो पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को अपनी धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान विरोधी आतंकी समूहों के लिए रोकने को कहा है. पेशावर के पास बाचा खान यूनिवर्सिटी में हुए आतंकी हमले को लेकर अफगानिस्तान के सामने पाकिस्तान ने चिंता जताई है. सोमवार को विदेश कार्यालय में अफगान के दूत सैयद अब्दुल नासिर युसफी को बुलाकर पाकिस्तान की तरफ से इस बात पर चिंता जाहिर गई कि यूनवर्सिटी में हमले के लिए उनकी धरती का इस्तेमाल किया गया था. पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से कहा है कि वो इस आतंकी हमले के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करे और उन्हें जल्द से जल्द सजा दे.
अफगान के विदेश कार्यालय ने बताया, 'उन्हें बताया गया कि जांचकर्ताओं ने खुलासा किया है कि इस आतंकी घटना के हैंडलर अफगान की धरती से ऑपरेट कर रहे थे और उन्होंने इस हमले की योजना तैयार करने और उसे अंजाम देने के लिए अफगानी दूरसंचार का इस्तेमाल किया. इस बारे में अफगान की तरफ से पहले ही उचित जानकारियां साझा की जा चुकी हैं.'
अफगानिस्तान सरकार से कहा गया है कि इस आतंकी हमले के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उन्हें सजा दिलाने में पाकिस्तान की मदद करें.
अफगानिस्तान से कंट्रोल किया गया ऑपरेशन
इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस के डायरेक्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल असीम बाजवा ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों ने आतंकियों को हथियार खरीदने में मदद की थी. बाजवा ने यह भी कहा कि इस हमले की योजना अफगानिस्तान में ही बनाई गई थी और इसे तालिबान का कमांडर ओमर मंसूर फोन पर अफगानिस्तान से ही कंट्रोल कर रहा था. उन्होंने बताया कि हमले वाले दिन अफगानिस्तान से हमलावरों को 10 कॉल किए गए थे. असीम बाजवा के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक ने बाचा खान यूनिवर्सिटी में कुछ दिन काम किया था और उसके बाद आतंकियों को यूनवर्सिटी का नक्शा उपलब्ध करवाया था.
25 लोगों की गई थी जान
20 जनवरी को पाकिस्तान के खैबर पख्तुन्वा प्रांत में बाचा खान यूनिवर्सिटी पर 4 हथियारबंद आतंकियों ने हमला कर दिया था. सुबह करीब 9 बजे यूनिवर्सिटी में घुसकर आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी थी. हमले में 25 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.