पाकिस्तान ने लाहौर अस्पताल में भर्ती भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह तक राजनयिकों की पहुंच पर रोक लगा दी जिस वजह से भारतीय अधिकारियों को इस मुद्दे को अपने पाकिस्तानी समकक्षों के समक्ष उठाना पड़ा.
भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों को शनिवार को कुछ मिनटों के लिए सरबजीत के पास जाने की इजाजत दी गई थी. सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी पक्ष ने भारतीय अधिकारियों को सूचित किया कि शुक्रवार को राजनयिकों को सरबजीत तक पहुंच की इजाजत सिर्फ एक दौरे के लिए थी.
सूत्रों ने कहा कि भारतीय पक्ष ने इस मुद्दे को अपने पाकिस्तानी समकक्ष के समक्ष उठाते हुए कहा है कि भारतीय अधिकारियों को सरबजीत की हालत को देखते हुए उस तक निर्बाध पहुंच होनी चाहिए.
सूत्रों के अनुसार इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही है.
गौरतलब है कि शुक्रवार को लाहौर की कोट लखपत जेल में अन्य कैदियों द्वारा कातिलाना हमले में सरबजीत सिंह बुरी तरह जख्मी हो गया जिसके बाद उसे लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों के मुताबिक वह अभी कोमा में है.
इस बीच, अब से थोड़ी देर पहले सरबजीत का पूरा परिवार लाहौर पहुंचा गया. गौरतलब है कि लाहौर के जिन्ना अस्पताल में सरबजीत भर्ती है. लाहौर जाने वालों में सरबजीत की पत्नी, बहन और दो बेटियां शामिल हैं. परिवार के चारों सदस्य को 15 दिन के लिए पाकिस्तान उच्चायोग ने विशेष मामले के तहत वीजा शनिवार शाम को जारी किया था.
लाहौर के लिए रवाना होने से पहले सरबजीत सिंह का परिवार सिखों के पवित्र धार्मिक स्थल हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) में मत्था टेकने पहुंचा.
सरबजीत सिंह को पाकिस्तान की अदालतों ने वर्ष 1990 में लाहौर तथा मुल्तान में बम विस्फोटों के लिए दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई है, जबकि उसके परिवार के सदस्यों का दावा है कि वह निर्दोष है. इन विस्फोटों में 14 लोगों की जान चली गई थी.