पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी की जीत पर गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर का कहना है कि हाफिज सईद जैसा खूंखार आतंकवादी चुनाव में बहुत बुरी तरीके से हार चुका है. उसकी वहां कोई इज्जत नहीं है. ठीक लगा कि पाकिस्तान की जनता आतंक का विरोध करती है. इसलिए आने वाले दिनों में पाकिस्तान की जनता ने हाफिज सईद जैसे लोगों को जीतने नहीं दिया. वहां की जनता भी शांति चाहती है. शांति बहाल करने में वहां की सरकार को सफलता मिले और भारत के संबंध सुधारने में सोचेगी उम्मीद है.
इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने की स्थिति पर भारत के साथ रिश्तों पर हंसराज अहीर का कहना है कि बदलाव की उम्मीद करते हैं. प्रधानमंत्री कौन बनेगा वह तय करेंगे. लेकिन जो बने भारत सरकार के साथ संबंध अच्छे करेंगे. भारत सरकार ने उम्मीद बनाए रखी है. शांति बनाए रखने में सफलता मिले. पाकिस्तान आतंक का रास्ता छोड़कर के भारत के साथ संबंध ठीक बने यही उम्मीद करते हैं.
हाफिज सईद को नकारने पर हंसराज अहीर का कहना है कि ठीक लगता है कि पाकिस्तान जनता भी शांति चाहती है.
वहीं केंद्रीय मंत्री आरके सिंह का कहना है कि कोई भी सरकार वहां बने भारत के साथ उनका रवैया वहीं रहने वाला है. पहले भी मिलिट्री का आदेश चलता था. मिलिट्री रूल करती थी और आगे भी मिलिट्री रूल करेगी. खबरों के मुताबिक, इमरान खान को भी मिलिट्री का पूरा समर्थन था. मिलिट्री चाहती थी कि इमरान खान प्रधानमंत्री बने. इसलिए इमरान खान के आने से कुछ फर्क नहीं पड़ेगा.
हाफिज सईद की पार्टी हारने पर आर के सिंह का कहना है कि ऑफिसर के आने से एक बात साफ हो गई है कि वहां पर लोग शांति चाहते हैं. आतंक का साथ नहीं देना चाहते हैं. इसलिए जनता ने इन लोगों ने नकार दिया है. लेकिन असली मुद्दा मिलिट्री का है. सरकार को मिलिट्री का पूरा समर्थन है और मिलिट्री अपने हिसाब से पाकिस्तान की सरकार को चलाएगी.
इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने पर भारत के रिश्ते पर असर पर आर के सिंह का कहना है, 'मुझको नहीं लगता कि इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने पर भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्ते पर कोई फर्क पड़ेगा. कोई बदलाव आएगा.'