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भारतीय जवानों को हनीट्रैप के जाल में फंसा रहीं पाकिस्तानी लड़कियां, सुरक्षा बलों ने किया सतर्क

कराची के कॉल सेंटर से फर्जी कॉल कराकर भारतीय सुरक्षाबलों को हनीट्रैप के जाल में फंसाने की साजिश पाकिस्तान कर रहा है. खुफिया एजेंसी ISI के हनीट्रैप में गिरफ्तार डीआरडीओ साइंटिस्ट और डिफेंस मिनिस्ट्री कर्मचारी की पूछताछ में पाकिस्तानी हनीट्रैप साजिश का बड़ा खुलासा हु़आ है. इनका मकसद फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल के जरिए भारतीय सुरक्षा संस्थानों के बारे में जानकारी जुटाने का है.

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(प्रतीकात्मक फोटो)
(प्रतीकात्मक फोटो)

कराची के कॉल सेंटर से फर्जी कॉल कराकर भारतीय सुरक्षाबलों को हनीट्रैप के जाल में फंसाने की साजिश पाकिस्तान कर रहा है. देश की खुफिया एजेंसियों ने यह बड़ा खुलासा किया है. पाक खुफिया एजेंसी ISI भारतीय रक्षा संस्थाओं से जुड़े अधिकारियों और जवानों को हनीट्रैप करने के अपने ऑपरेशन में तेजी लाई है.

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पिछले दिनों DRDO के एक साइंटिस्ट की हनीट्रैप के आरोप में हुई गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियों ने यह बड़ा खुलासा किया है. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के कई शहरों में ISI ने कॉल सेंटर बनाए हैं.

इसके जरिये भारत में संवेदनशील संस्थानों में काम कर रहे अधिकारियों को हनीट्रैप करने के लिए सैकड़ों की संख्या में लड़कियों को भर्ती किया गया है. जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के लाहौर, रावलपिंडी कराची और इस्लामाबाद जैसे शहरों में कॉल सेंटर ऑपरेट किए जा रहे हैं.

पाकिस्तान खेल रहा है हनीट्रैप का खेल

ISI के कॉल सेंटर में काम करने वाली लड़कियों को पाकिस्तान इंटलिजेंस ऑपरेटिव (PIO) कहा जाता है. ऐसे कॉल सेंटर में शामिल लड़कियों को हिंदी और अंग्रेजी बोलने की ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे उन पर किसी को शक न हो.

एक महीने के अंदर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के हनीट्रैप में फंसे दो लोगों की गिरफ्तार हुई है. डीआरडीओ साइंटिस्ट और डिफेंस मिनिस्ट्री के कर्मचारी से हुई पूछताछ में पाकिस्तानी हनीट्रैप साजिश का बड़ा खुलासा हु़आ है.

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खुफिया एजेंसी सूत्रों के मुताबिक, बकायदा पाकिस्तान के सिंध खैबर पख्तूनवा प्रांत कराची में ऐसे कॉल सेंटर को बहुत ही तेजी से सक्रिय किया गया है. ये भारतीय सुरक्षा संस्थानों से जुड़े अधिकारियों को टारगेट करते हैं.

कॉल सेंटरों के जरिए भारतीय जवानों पर फंसाया जा रहा है

इन कॉल सेंटर्स का मकसद फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल के जरिए भारतीय सुरक्षा संस्थानों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने का है. एक महीने में यह दो अहम गिरफ्तारियां हुई हैं. एक महाराष्ट्र से है, तो एक राजस्थान से हुई है.  

दोनों ही मामले में पाकिस्तान में बनाई गई फर्जी प्रोफाइल आईडी के आधार पर सुरक्षा संस्थानों से जुड़े महत्वपूर्ण लोगों से दोस्ती की गई थी. इसके बाद उनके जरिए सुरक्षा संस्थानों की जानकारी ली जा रही थी. यह अहम जानकारी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ के दौरान खुफिया एजेंसी के सूत्रों को मिली.

भारतीय जवानों को कैसे किया जा रहा हनीट्रैप

पाकिस्तानी हनीट्रैप ISI की एजेंट ये लड़कियां सबसे पहले सोशल मीडिया पर फर्जी ID बनाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती हैं.

  • रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होने के बाद प्यार भरी बातें करती हैं.
  • दोस्ती होने के बाद वे टारगेट को शादी का झांसा देती हैं.
  • टारगेट को फंसाने के लिए ये लड़कियां कुछ भी करने के लिए तैयार रहती हैं.
  • टारगेट इनके कहने पर देश की सुरक्षा से जुड़े सीक्रेट डॉक्यूमेंट शेयर करने के लिए तैयार हो जाता है.
  • खुफिया एजेंसियों की मानें तो सबसे खास बात ये है कि जिस चैट को जवान पर्सनल समझता है, उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI रिकॉर्ड कर लेती है.
  • फिर इन जवानों को ब्लैकमेल किया जाता है. यानी जो मांगा जाए उसे देने से अगर इनकार किया, तो चैट और वीडियो पब्लिक करने की धमकी दी जाने लगती है.

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