पाकिस्तान खतरनाक मुल्कों को एटम बमों की तकनीक बेचा करता था. ईरान, उत्तर कोरिया, लीबिया को परमाणु तकनीक पाकिस्तान की शह पर मिली. पाकिस्तान के बदनाम परमाणु वैज्ञानिक, परमाणु तकनीक की कालाबाजारी के सरगना समझे जाने वाले डॉ ए क्यू खान तो बस एक मोहरा थे. यह सनसनीखेज खुलासा किया है एक ब्रिटिश पत्रकार ने औऱ उनके पास इस बाबत सबूत भी हैं.
दुनिया की नजर में बदनाम वैज्ञानिक
पाकिस्तान की नजर में ए क्यू खान पाकिस्तान के परमाणु बम के जनक हैं, लेकिन अमेरिका और बाकी मुल्कों की नजर में परमाणु हथियारों की तकनीक के सबसे खतरनाक सौदागर, दुनिया में परमाणु तकनीक के काले बाजार के वो सरगना हैं, जिन्होंने ईरान, उत्तर कोरिया और लीबिया को परमाणु तकनीक बेची. पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक ए क्यू खान दुनिया के सबसे बदनाम वैज्ञानिक हैं. इसकी सजा भी वो भुगत रहे हैं.
पाकिस्तान की शह पर किया काम
लेकिन अब एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है. खुलासे के मुताबिक पाकिस्तान के सबसे बदनाम वैज्ञानिक ए क्यू खान तो सिर्फ मोहरा बने. चाहे ईरान हो या उत्तर कोरिया या लीबिया, इन मुल्कों को परमाणु बमों के लिए तकनीक की तस्करी पाकिस्तान के इशारे पर हुई. ए क्यू खान तो वही कर रहे थे, जो उन्हें कहा जा रहा था.
खुलासे से पाकिस्तान में आया भूचाल
पाकिस्तान में भूचाल लाने वाला ये सनसनीखेज खुलासा किया है लंदन के अखबार सनडे टाइम्स के पत्रकार साइमन हेनडेरसन ने. साइमन का दावा है कि ए क्यू खान की सालों पुरानी एक ऐसी चिट्ठी उनके हाथ लगी है, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी के सामने तमाम राज खोले हैं. पाकिस्तान से परमाणु बमों की तकनीक ईरान, उत्तर कोरिया, लीबिया को स्मगल किए जाने का भेद खुल चुका है. पाकिस्तान की मुर्शऱफ सरकार पर अमेरिका, दूसरे मुल्कों का जबर्दस्त दबाव था. पाकिस्तान सरकार ने परमाणु वैज्ञानिक डॉ. ए क्यू खान को बली का बकरा बनाना शुरू कर दिया. ए क्यू खान से आईएसआई सख्तियां बरतने लगा, तब घबराकर डॉ ए एक्यू खान ने पत्नी हेन्नी को लिखी चिट्ठी.
चिट्ठी में खोले तमाम राज
ब्रिटिश पत्रकार साइमन हेन्डर्सन के मुताबिक इस चिट्ठी में पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक डॉ ए क्यू खान ने तमाम राज पत्नी के सामने खोल दिए. हाथ से लिखी चिट्ठी की लाइनें कुछ इस तरह हैं- ''डार्लिंग, अगर सरकार मेरे साथ कुछ गड़बड़ करती है तो तुम सख्त कदम उठाना. मुझे डर है कि वे (पाक सरकार) मुझसे पीछा छुड़ाने के लिए औऱ उन लोगों ने जो मेरे जरिए काम कराए हैं, उनपर पर्दा डालने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.'' {mospagebreak}साफ है पाक के परमाणु बमों के जनक कहे जाने वाले डॉ खान इस वक्त अपनी ही सरकार से काफी डरे हुए थे औऱ उन्होंने आगे खत में इरान, उत्तर कोरिया, के साथ चीन हुई परमाणु लेनदेन की तमाम बातें भी लिख दी.
कई देशों के बारे में खुलासे
डॉ खान ने ईरान के बारे में लिखा कि ''शायद बेनजीर भुट्टो जी के आशीर्वाद से जनरल इम्तियाज (बेनजीर के तब रक्षा सलाहकार) ने मुझसे कहा कि कुछ ड्रॉइंग औऱ उपकरण ईरानियों को दे दें. हमें कुछ सप्लायर्स के नाम पते भी इरानियों को देने को कहा गया था.'' चिट्ठी में डॉ खान ने उत्तर कोरिया के बारे में लिखा, ''जनरल (नाम का खुलासा नहीं) ने 3 मिलियन डॉलर मेरे जरिए उत्तर कोरियाई लोगों से लिए और मुझसे कहा कि उन्हें कुछ ड्राइंग्स औऱ मशीनें दे दें.'' डॉ खान ने चीन से हुए पाकिस्तान के परमाणु लेन देन पर भी चिट्ठी में सनसनीखेज खुलासा किया. उन्होंने लिखा ''हमने हॉनझॉन्ग में सेन्ट्रीफ्यूज प्लांट लगाया है, चीन ने हमें न्य़ूक्लियर हथियार के डिजाइन दिए हैं.. 50 किलो उच्च क्वालिटी का यूरेनियम दिया है.''
पाक पर अमेरिका का दबाव
डॉ खान ने अपनी चिट्ठी में इस बात का भी खुलासा किया है कि पाकिस्तान की मुशर्ऱफ सरकार क्यों उनके पीछे पड़ गई है. वो लिखते हैं, ''राष्ट्रपति मुशर्ऱफ पर वाशिंगटन का जबरदस्त दबाव है और अमेरिका ने कहा है कि मदद चाहिए तो परमाणु तकनीक की तस्करी का आरोप वैज्ञानिक ए क्यू खान पर डाल दो. दरअसल अमेरिका को आतंक के खिलाफ जंग में पाकिस्तान की जरूरत है.''