पाकिस्तान ने सद्भावना के तौर पर सोमवार को वाघा सीमा पर 172 भारतीय मछुआरों और एक अन्य कैदी को भारत के अधिकारियों को सौंप दिया. ये लोग कराची की दो जेलों से रिहा किए गए थे. अरब सागर में समुद्री सीमा का कथित तौर पर उल्लंघन करने को लेकर कराची के मालीर और लांधी जेल में रखे गए मछुआरों को रविवार को रिहा कर दिया गया था.
रिहा किए गए ज्यादातर मछुआरे वे लोग हैं जिन्होंने अपनी सजाएं पूरी कर ली हैं. दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों द्वारा उच्च स्तरीय संपर्क बहाल किए जाने का फैसले करने के कुछ दिन बाद यह रिहाई हुई है. एक बयान में विदेश कार्यालय ने कहा, ‘पाकिस्तान ने हमेशा ही दोनों देशों के बीच कैदियों के मुद्दे को मानवीय रखा है और इसे इसी भावना के साथ लिया जाना चाहिए.’ बयान में कहा गया है, ‘हम आशा करते हैं कि भारत सरकार भी उन सभी पाकिस्तानी कैदियों को रिहा कर देगी जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है.’
गौरतलब है कि अपनी अपनी समुद्री सीमा का उल्लंघन करने पर भारत और पाकिस्तान नियमित रूप से मछुआरों को गिरफ्तार करते हैं. पिछले महीने पाकिस्तानी मरीन सुरक्षा बलों ने 38 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया था. ये लोग भटक कर पाकिस्तानी जल क्षेत्र में प्रवेश कर गए थे.
पाकिस्तान ने पिछले साल नवंबर में 40 भारतीय कैदियों को रिहा किया था जिनमें ज्यादातर मछुआरे थे. यह कदम उठाए जाने से पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हाथ मिलाया था और एक दूसरे का हाल चाल पूछा था.
भाषा से इनपुट