पाकिस्तान ने कोट लखपत जेल में नृशंस हमले के बाद दिवंगत हुए भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह से जुड़ी 36 चीजें भारतीय अधिकारियों को सौंप दीं. सरबजीत का सामान लौटाते हुए पाकिस्तान ने भारत से अपने देश के मछुआरों और अन्य बंदियों को रिहा करने के लिए कहा है.
भारतीय उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हमें आज उनसे (सरबजीत से) जुड़ी चीजें प्राप्त हुई. हम इन्हें भारत भेजने का इंतजाम कर रहे हैं.
अप्रैल में सरबजीत पर कुछ पाकिस्तानी कैदियों ने हमला किया था जिसमें उनके सिर पर चोट लगी थी और दो मई को उनकी मौत हो गई.
सरबजीत के परिवार वालों का कहना था कि सरबजीत, सीमा से लगने वाले एक गांव के एक किसान थे और शराब के नशे में सीमा के दूसरी ओर चले गए थे.
गौरतलब है कि अगस्त में भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान के विदेश विभाग से औपचारिक रूप से अनुरोध किया था कि वे सरबजीत के कपड़े और अन्य चीजें उनके परिवार के लोगों को वापस भेजने की प्रक्रिया तेज करे. लाहौर के जेल अधिकारियों के पास ये चीजें रखी हुई थी.
सरबजीत के सामान में कुरान की एक प्रति, हिन्दी में तीन धार्मिक पुस्तकें, पांच सेट कपड़े, एक गद्दा, एक कंबल और जूते आदि शामिल हैं. सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से इन चीजों को वहां से मंगाने का अनुरोध किया था. कोट लखपत जेल के प्रशासन ने पिछले माह गृह मंत्रालय को यह सामान दे दिया था.
पाकिस्तान ने सरबजीत को 1990 में वहां हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में कथित संलिप्तता को लेकर मौत की सजा सुनाई गई थी.
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने कहा है कि उसके इस कदम के जवाब में भारत सरकार को चाहिए कि वह पाकिस्तानी मछुआरों तथा अन्य बंदियों को रिहा करे.
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता उमर हमीद खान ने बताया. ‘हम सभी भारतीय बंदियों के कल्याण की कामना करते हैं और भारत सरकार से पाकिस्तानी मछुआरों तथा अन्य बंदियों को रिहा करने का अनुरोध करते हैं. पहले भी हमने और भारतीय प्राधिकारियों ने एक दूसरे के कैदियों को रिहा किया है.’
अगस्त में पाकिस्तान ने 7 किशोरों सहित 337 भारतीय मछुआरों को रिहा किया था. इन लोगों को देश की नौवहन सीमा का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.