भारतीय कोस्ट गार्ड डीआईजी बीके लोशाली के संदिग्ध पाकिस्तानी बोट के ब्लास्ट मामले में बुधवार को दिए गए बयान पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि कोस्ट गार्ड के एक अधिकारी का यह दावा कि पाकिस्तानी बोट को बल ने उड़ाया, यह भारत सरकार के बयान के विरोधाभासी है.
भारत से आई खबरों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, 'यह एक बार फिर से साबित हो गया है कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया और मानवता को तार तार कर दिया.' आसिफ ने आरोप लगाया, 'यह (भारत) पाकिस्तान पर समझौता एक्सप्रेस मामले की तरह न सिर्फ निराधार और झूठा आरोप लगा रहा है बल्कि बोट पर सवार चार बेकसूरों को छल से मारने में भी शामिल है. भारत ने एक बार फिर अपना घिनौना रूप दिखा दिया है.'
उन्होंने फिर से कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में शांति और सह अस्तित्व चाहता है और इसे उसकी कमजोरी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. इससे पहले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि कोस्ट गार्ड अधिकारी के बयान की जांच की जाएगी और संभव है कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी. कोस्ट गार्ड के डीआईजी लोशाली के बयान का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत की समुद्री सीमा में प्रवेश कर रही पाकिस्तानी बोट को उड़ाने के आदेश उन्हीं ने दिए थे. पर्रिकर ने कहा कि सरकार अपने बयान पर अडिग है. उन्होंने कहा कि बोट को संदिग्ध आतंकवादियों ने खुद विस्फोट कर उड़ाया था और सरकार इसके सबूत जारी करने के लिए तैयार थी.
लोशाली ने सोमवार को बयान दिया था, 'मैं आपको बता दूं. मुझे उम्मीद है कि आप सभी को 31 दिसबंर की रात याद होगा. हमने पाकिस्तानी बोट को उड़ा दिया था. मैं गांधीनगर में वहां पर मौजूद था और मैंने रात को कहा कि बोट को उड़ा दो. हम उन्हें बिरयानी नहीं खिलाना चाहते.'
लोशाली के बयान को मीडिया में आया, इसके कुछ मिनट के बाद ही रक्षा मंत्री से इस बारे में सवाल पूछे जाने लगे. अंग्रेजी न्यूज पेपर 'इंडियन एक्सप्रेस' ने बुधवार को लोशाली के दावे के संबंध में एक खबर चलाई. इसके बाद दिन में पर्रिकर ने मामले पर प्रतिक्रिया दी तो न्यूज पेपर ने अपनी वेबसाइट पर एक वीडियो जारी किया. लोशाली ने अपने बयान से मुकरते हुए प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया. वह तटरक्षक बल के उत्तरपश्चिम क्षेत्र के प्रमुख भी हैं.
मैं जांच करूंगाः पर्रिकर
पर्रिकर ने अंग्रेजी अखबार की वेबसाइट पर जारी हुए वीडियो के बारे में कहा, 'मैं जांच करूंगा..वीडियो देखूंगा.' वह फिलहाल एयरो इंडिया में शिरकत करने के लिए बेंगलुरु में मौजूद हैं. पर्रिकर ने कहा कि वह विवादित वीडियो देखेंगे और इसके बाद जरूरत पड़ी तो कार्रवाई करेंगे. रक्षा मंत्री ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, 'आपको मेरी स्थिति समझनी होगी. करीब 15-16 लाख रक्षाकर्मी हैं. अगर कोई तथ्यात्मक रूप से गलत बयान देता है तो मैं जांच के बाद कार्रवाई करूंगा.' रक्षा मंत्री ने कहा, 'मैं घटना के सबूत जारी करूंगा.'
जनवरी में पर्रिकर ने कहा था कि पाकिस्तानी बोट गुजरात के तट से सटे समुद्र में विस्फोट के बाद डूब गया था, इसमें सवार लोग तस्कर नहीं आतंकवादी थे. उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की थी कि एक अन्य बोट का भी पता लगा था, लेकिन वह अंतर्राष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में था. इस तरह की रिपोर्ट मीडिया में आने के बाद लोशाली ने कहा, 'वह अभियान मेरे अंतर्गत नहीं हुआ था. मुझे इस बारे में पूरी जानकारी नहीं थी.'
AAP और कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
इस संबंध में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. कांग्रेस नेता पीसी चाको ने कहा कि सभी चीजें उलझी हुई लग रही हैं और उन्हें लगता है कि रक्षा मंत्री को इस संबंध में बयान देना चाहिए. कांग्रेस के ही नेता मनीष तिवारी ने पर्रिकर पर जमकर निशाना साधा. मनीष ने एक बयान में कहा, 'रक्षा मंत्री जी सबसे बड़ा पाप क्या है, पाकिस्तान की बोट को उड़ाना या देश से झूठ बोलना? अगर वे आतंकवादी थे तो उन पर हमला करने में शर्म कैसी? यह घटना मर्दानगी दिखाने और अपनी छवि को बढ़ाचढ़कर पेश करने के लिए किए जाने वाले फर्जी एनकाउंटर के समान है.'