पाकिस्तान की सेना सरहद पर बंकर बनाने में व्यस्त है. जम्मू की सीमा के उस पार बने हैं 150 किलोमीटर से ज्यादा लंबे बंध और उनके पीछे लगातार बन रहे हैं सीमेंट के पक्के बंकर. लेकिन, जिस तरह से इन इलाकों में आतंकियों की घुसपैठ होती रही है, उसे देख कर लगता है कि कहीं इन बंकरों में फौजियों की जगह आतंकी तो नहीं छिपेंगे.
कई सवाल अब भी अनसुलझे हैं
आखिर सरहद पर यूं बंकर बनाने का मतलब क्या है. क्यों सीमा पर खड़ी की जा रही है ऊंची और लंबी दीवार. क्या सीमा के उस पार कोई बड़ी तैयारी चल रही है. क्या दीवार की आड़ में तैयारी किसी खास मकसद की होगी. ऐसे कई सवाल अब भी अनसुलझे हैं. लेकिन आंखों के सामने बहुत कुछ साफ है. साफ ये कि इन बंकरों को छिपने के लिए बनाया जा रहा है. आम दिनों में तो यहां सेना ही रहती है. लेकिन कोई हैरत नहीं होगी अगर यहां कभी आतंकी भी आकर छिपने लगें. ये सरहद 180 किलोमीटर लंबी है. जम्मू-कश्मीर के कठुआ से अखनूर तक फैली लंबी सीमा. माना जाता रहा है कि ये सीमा घुसपैठ का सबसे आसान रास्ता है. पहले भी कई बार ऐसी ही घुसपैठ हो चुकी है.
बंध की आड़ में कोई जंग की तैयारी तो नहीं
अब सवाल ये है कि आखिर पाकिस्तान को जरूरत क्या पड़ गई पक्के बंकरों की. उससे भी ज्यादा बड़ा सवाल है कि ऊंचे बंध का क्या मतलब है. कहीं उनके पीछे कोई साजिश तो नहीं रची जानी है. मुंबई हमलों के बाद से इस काम में काफी तेजी आई है. अब सुरक्षाबलों को भी इस बात की चिंता है कि बंकरों का इस्तेमाल कहीं हमले के लिए ना हो. भारतीय सेना की तरफ से इन निर्माणों का विरोध भी किया गया, लेकिन वो नहीं माने. पाकिस्तान का दावा है कि ये महज सुरक्षा के लिए हैं. लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों की भी नजर हर हरकत पर है. एहतियात बरती जा रही है कि कहीं बंध की आड़ में कोई जंग की तैयारी तो नहीं चल रही है.
सतर्क रहना बेहद जरूरी
करीब 200 किलोमीटर लंबे फैले इस सरहद के ज्यादातर हिस्सों पर बीएसएफ ही तैनात है. 1990 की शुरुआत से ही इस सीमा से घुसपैठ होने लगी थी. उसके बाद से ही भारत ने सरहद पर फेंसिंग का काम शुरू कर दिया. इसके बाद साल 2003 से पाकिस्तान सीमा में बंध और बंकर बनाए जाने लगे. खुफिया जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान ने अब तक 150 किलोमीटर से ज्यादा बंध और उनकी आड़ में कई दर्जन बंकर बना लिए हैं. खुफिया सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान में बंकर बनाने का काम चल तो पहले से रहा है. लेकिन सीज फायर के दौरान भी सरहद के उस तरफ पक्के बंकर बनते रहे. जाहिर है ये एक ऐसी है, जिसे लेकर सतर्क रहना बेहद जरूरी है. सरहदी इलाकों में रहने वालों की मानें, तो खौफ उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है. वो कहते हैं कि कुछ बरस पहले तक खौफ गोलियों से था और अब बंध और बंकर के पीछे क्या चल रहा है, इसका खौफ सताता है. डर तो इस बात का है अगर सीमा-पार से फायरिंग शुरू हो गई, तो फिर किसी को घर से निकलने का मौका तक नहीं मिलेगा.
सीजफायर की आड़ में नई तैयारियों में लगा पाक
सीजफायर की आड़ में पाकिस्तान नई तैयारियों में लगा है. खौफ सिर्फ पाकिस्तानी सेना का नहीं है. डर वहां पल रहे उन नापाक मंसूबों से भी है, जो आतंकवाद को पनाह दे रहे हैं. सुरक्षाबल के अधिकारी भी इस बात को मानते हैं कि सरहद के पार आतंक के कई ट्रेनिंग कैंप चल रहे हैं. पाकिस्तान में बंकर और बंध का इस तरह खुलेआम बनने का काम तब हो रहा है, जब दोनों देशों के बीच सीज-फायर है. ना जाने क्या है इसके पीछे की मंशा. लेकिन दिखता साफ-साफ है कि तैयारी जोरों की है.