पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा गृह सचिव जी के पिल्लई के खिलाफ की गयी आपत्तिजनक टिप्पणी को भारत आतंकवाद के मुद्दे से ‘ध्यान बंटाने का प्रयास’ मानता है. भारत का यह भी मानना है कि कुरैशी को संभवत: पाकिस्तान के उन तत्वों ने ऐसा करने के लिए बाध्य किया होगा, जो दोनों देशों के बीच बातचीत बाधित करना चाहते हैं.
सरकारी सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत की गृह मंत्री और गृह सचिव स्तर की वार्ता के पिछले महीने सफलतापूर्वक संपन्न होने से भारत से दुश्मनी चाहने वाले पाकिस्तानी तत्व परेशान थे. उनके दबाव में ही संभवत: कुरैशी ने यह बयान दिया है.
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के साथ गृह मंत्री स्तर की वार्ता इतनी अच्छी रही कि वहां के गृह मंत्री रहमान मलिक ने गृह मंत्री पी चिदंबरम से कहा कि अगली बार जब पाकिस्तान आतंकवाद से जुड़े भारत के सवालों का जवाब देगा, तो भारत को निराशा नहीं हाथ लगेगी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के बातचीत नहीं चाहने वाले तत्व गृह सचिव और गृह मंत्री के स्तर पर हुई द्विपक्षीय बातचीत को ही विफल करने की कोशिश करना चाहते थे लेकिन अब उन्होंने विदेश मंत्री स्तर की वार्ता में ऐसा कर डाला. {mospagebreak}
कुरैशी ने विदेश मंत्री एस एम कृष्णा के साथ गुरुवार को इस्लामाबाद में हुई संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में पिल्लई की तुलना जमात उद दावा प्रमुख और मुंबई हमलों की साजिश रचने वाले हाफिज सईद से यह कहकर की कि गृह सचिव पिल्लई नकारात्मक दुष्प्रचार कर रहे हैं. कुरैशी ने कहा, ‘लेकिन मैं जानना चाहता हूं कि इस वार्ता की पूर्वसंध्या पर भारतीय गृह सचिव द्वारा दिया गया बयान किस हद तक मददगार साबित होगा. हम दोनों (मंत्रियों) का मानना है कि इसकी जरूरत नहीं थी.’
सूत्रों ने कहा कि कुरेशी का यह बयान पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद से ध्यान बंटाने का प्रयास है क्योंकि वह भारत की ओर से उठाये गये घुसपैठ जैसे मुद्दों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है. पिल्लै ने इस सप्ताह की शुरूआत में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर आरोप लगाया था कि मुंबई आतंकी हमले के नियंत्रण और समन्वय में उसकी शुरू से आखिर तक कथित भूमिका रही है.
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान को मुंबई आतंकी हमले के आरोपी डेविड हेडली के भारतीय जांच एजेंसियों के समक्ष दिये गये बयान से जुडी कुछ सूचना दी गयी और उससे कहा गया कि वह यदि अधिक गोपनीय जानकारी चाहता है तो उसे अमेरिकी कानून विभाग और एफबीआई से संपर्क करना चाहिए. {mospagebreak}
उन्होंने बताया कि हेडली ने भारतीय अधिकारियों के समक्ष दिये बयान में स्वीकारा है कि मुंबई आतंकी हमले में आईएसआई ने कथित रूप से आतंकवादियों की मदद की थी और हमले की साजिश रचने वालों को आईएसआई की ओर से पूरी ब्रीफिंग की गयी थी.
सूत्रों के मुताबिक हाल के दिनों में सीमा पार से घुसपैठ की घटनाओं में भी बढ़ोत्तरी हुई है. घुसपैठ रोकना केवल भारत की ही नहीं बल्कि पाकिस्तान की भी जिम्मेदारी है.’ उन्होंने कहा कि आदर्श रूप से भारत पाकिस्तान के साथ नये सिरे से संबंध स्थापित करना चाहता है लेकिन इसके लिए कदम दर कदम आगे बढ़ना होगा और विश्वास बहाल करना होगा.
सूत्रों के मुताबिक आतंकवादियों से निपटने के मामले में चुनिन्दा दृष्टिकोण नहीं चलेगा और पाकिस्तान की यह बात मंजूर नहीं कि वह अफगानिस्तान के तालिबान पर कार्रवाई करे और पाकिस्तान के तालिबान पर कार्रवाई न करे. यह भी नहीं हो सकता कि वह लश्कर ए तय्यबा पर कार्रवाई न करे और किसी अन्य आतंकी संगठन पर कार्रवाई करे. उसे हर आतंकवादी के साथ एक सा बर्ताव करते हुए उससे निपटना चाहिए.