पाकिस्तान की एक और चालबाजी सामने आई है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाक के हुक्मरान भारत के महत्वपूर्ण अंग पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में अफगान रिफ्यूजी को बसाने में जुटे हैं. सुरक्षा एजेंसियों की एक रिपोर्ट से यह बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों ने 'आजतक' को जानकारी दी है कि करीब 2500 से ज्यादा अफगानिस्तान रिफ्यूजी पीओके के कोटली जिले में बस रहे हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन अफगानिस्तान शरणार्थियों में 1438 को चुपचाप पाक एलओसी के पार बसा दिया गया है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियां लगातार बस रहे अफगान शरणार्थियों पर नजर रखे हुए हैं क्योंकि जो शरणार्थी यहां आ रहे हैं, वे भारत के लिए खतरा हो सकते हैं. इससे पहले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई इन अफगान शरणार्थियों को आतंकी काम में झोंकने की कोशिश में जुटा था. सूत्रों ने 'आज तक' को यह जानकारी दी है कि पाकिस्तान की जेलों में बंद अफगान तालिबानी लोगों को पाकिस्तान इस शर्त पर छोड़ने के लिए तैयार था कि वे कश्मीर में जाकर जेहाद करेंगे.
आपको बता दें कि यह वही पाकिस्तान है जिसने अफगान शरणार्थियों को अपने देश से बाहर करने के लिए पूरी योजना बना ली थी. पेशावर हमले के बाद पाकिस्तान को यह लगने लगा था कि शरणार्थी पाकिस्तान में रहेंगे तो ऐसे ही तालिबानी हमले होते रहेंगे. अब पाकिस्तान इस तरीके की चाल चल रहा है कि जो अफगान शरणार्थी उसके लिए सिरदर्द थे, उन्हें पीओके में बसाकर भारत के खिलाफ भड़काया जा सकता है.
सूत्र बताते हैं कि अफगान शरणार्थी कुछ ऐसे हैं जिनमें कई तालिबानी गुट को भी समर्थन देते हैं. ये गुट भारत के खिलाफ जेहाद करने के लिए तैयार भी रहते हैं. लिहाजा पीओके में अफगान रिफ्यूजी का बसना सुरक्षा के लिहाज से चिंता का सबब बन सकता है.
आतंकियों को ट्रेनिंग देकर भारत भेजना, पीओके में ट्रेनिंग कैंप चलना, आतंक के लिए फंड की उगाही करना और आतंक के आकाओं को अपने यहां पनाह देना, ये सब पाकिस्तान करता रहा है. अब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई उन आतंकी गुटों को कश्मीर में तबाही मचाने के लिए तैयार कर रही है जो उसकी जेलों में बंद हैं. पाकिस्तान अपनी जेलों में बंद तहरीक-ए-तालिबान के आतंकियों को इस शर्त पर छोड़ने और जेलों से आजाद करने के लिए कहा है कि वो कश्मीर घाटी में जाकर जेहाद के नाम पर लड़ाई लड़ेंगे.
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआई ने इन कैदियों को जैश-ए-मोहम्मद के बैनर तले जेहाद करने के लिए तैयार किया है. तहरीक-ए-तालिबान (पाकिस्तान) वही आतंकी संगठन है जिसने 2014 में पेशावर के आर्मी स्कूल में फिदायीन हमला किया था. इसमें 126 बच्चों की मौत हो गई थी.