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ढाका में ट्रेनिंग ले रहे भारतीय अफसरों पर ISI की नजर, हनीट्रैप में फंसाने की साजिश

बताया जा रहा है कि इन तीनों अधिकारियों से इस मसले पर पूछताछ जारी है. खबर की मानें तो अब उन्हें दोबारा पाकिस्तान में नहीं भेजा जाएगा. जब आईएसआई की ओर से अधिकारियों को फंसाने की कोशिश गई थी, तभी उन्होंने इसको भांप लिया था.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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पाकिस्तान की ओर से भारतीयों पर हमले और उन्हें अपने झांसे में फंसाने की कोशिश लगातार जारी रहती है. इंटेलीजेंस सूत्रों की मानें, तो ISI भारतीय अधिकारियों को सॉफ्ट टारगेट बनाने की कोशिश कर रहा है. आईएसआई के निशाने पर आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जवान हैं.

ढाका में मौजूद पाकिस्तान के अधिकारियों को भारतीय अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाने का टास्क दिया गया है. इस टास्क में पाकिस्तान के कर्नल अख्तर हामिद भी शामिल हैं. जो कि ढाका में पाकिस्तान उच्चायुक्त में तैनात हैं. इनके निशाने पर ढाका में ट्रेनिंग ले रहे 40 भारतीय अफसर हैं. 

एक कोशिश पहले ही नाकाम

इसके अलावा इस बार पाकिस्तान की एक कोशिश को भारतीय अधिकारियों ने ही नाकाम कर दिया है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने कुछ भारतीय अधिकारियों को फंसाने के लिए हनीट्रैप का जाल बिछाया, लेकिन पाकिस्तान की किस्मत अच्छी नहीं थी. और उसका ये प्लान फेल हो गया.

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अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, आईएसआई की कोशिश अधिकारियों को अपने जाल में फंसा कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों को निकलवाने की कोशिश थी. उनके निशाने पर पाकिस्तान में ही रह रहे तीन भारतीय अधिकारी थे. इससे पहले की आईएसआई के हत्थे कोई जानकारी लग पाती उनका ये प्लान फेल हुआ.

बताया जा रहा है कि इन तीनों अधिकारियों से इस मसले पर पूछताछ जारी है. खबर की मानें तो अब उन्हें दोबारा पाकिस्तान में नहीं भेजा जाएगा. जब आईएसआई की ओर से अधिकारियों को फंसाने की कोशिश गई थी, तभी उन्होंने इसको भांप लिया था. जिसके बाद उन्होंने दिल्ली में इस बारे में जानकारी दी. जिसके बाद उन्हें हिंदुस्तान वापस बुला लिया गया था.

खबर के मुताबिक, ये तीन अधिकारी पाकिस्तान में भाषा विभाग में काम करते थे. इनके जिम्मे कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों को ट्रांसलेट करने का काम था. यही कारण था कि ISI इन पर लगातार डोरे डाल रही थी, और अपने जाल में फंसाने की कोशिश कर रही थी.

आईएसआई की प्लानिंग इन अधिकारियों की वीडियो बना इन्हें ब्लैकमेल करने की थी. गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से भारतीय अधिकारियों पर कई दफा इस तरह का दबाव बनाने का मामला सामने आ चुका है.

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