पंजाब और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बढ़ाने के लिए पाकिस्तान ने बड़ी साजिश रची है. पाकिस्तान ने खुफिया एजेंसी आइएसआई, कश्मीर और खालिस्तानी आतंकियों को एक साथ मिलाकर भारत में अपनी आंतकी गतिविधियों को तेज करने को कहा है.
पाकिस्तान ने इसके लिए 'कश्मीर खालिस्तान रेफेरेंडम फ्रंट यानि Kashmir Khalistan Referendum Front (केकेआरएफ)' नाम से एक नया गुट बनाया गया है.
अलगाववादियों को जोड़ने की बड़ी कोशिश
कश्मीर खालिस्तान रेफेरेंडम फ्रंट के जरिए विदेशों में रह रहे खालिस्तानी समर्थकों और कश्मीरी अलगावादियो को एक साथ जोड़ने की भी कोशिश की जा रही है.
यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में स्थित पाकिस्तानी हाई कमीशन और दूतावासों के जरिए पाकिस्तान ऐसे ग्रुप्स को मजबूत करने में लगा हुआ है.
पाकिस्तान का एजेंडा है रेफरेंडम 2020
भारत ने हाल ही में कहा था कि पंजाब में जनमत संग्रह की मांग को लेकर शुरू किया गया रेफरेंडम 2020 कुछ चुनिंदा सिखों द्वारा शुरू किया गया एक बोगस मुद्दा है. अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा था कि भारत से दुश्मनी रखने वाला हमारा एक पड़ोसी इस मुद्दे को हवा दे रहा है.
रेफरेंडम 2020 के कर्ताधर्ताओं को पाकिस्तान का एजेंट करार देते हुए उन्होंने कहा था ये लोग हमारे पड़ोसी द्वारा समर्थन पाते हैं जो हमेशा से हमारे खिलाफ रहा है, ये लोग उसी देश के एजेंट है, ये लोग झूठा एजेंडा और प्रोपगैंडा फैलाते हैं.
इससे पहले भारत सरकार ने पाकिस्तान को 23 पन्नों का एक डोजियर सौंपा था . इस डोजियर में बताया गया था कि खालिस्तान समर्थक किस तरह से पाकिस्तान में सक्रिय हैं और भारत में अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं. करतारपुर गलियारे पर बुलाई गई चर्चा के दौरान के भारत ने पाकिस्तान को यह डोजियर सौंपा था.
विद्रोह की बड़ी साजिश
भारत की ओर से साल में चार बार सिख श्रद्धालुओं का दस्ता पाकिस्तान जाता है. इसी दौरान ऐसा देखा गया है कि भारत के विरुद्ध पाकिस्तान की ओर से साजिश रची जाती है, जो कि धार्मिक यात्रा के खिलाफ है. पिछले कुछ वर्षों में भारत के खिलाफ विद्रोह भड़काने की साजिश रची जाती है.
भारत ने अपने डोजियर में इस बात के सबूत पेश किए थे कि रेफरेंडम 2020 की गतिविधियां पाकिस्तान से चलाई जाती हैं. रेफरेंडम 2020 से संबंधित कई वीडियो और तस्वीरें भारत ने पाकिस्तान को अपने डोजियर में सौंपा है . पंजाबी सिख संगत के बाहर रेफरेंडम 2020 की गतिविधियों के सबूत भी हैं, और ऐसी तस्वीरें भी हैं जिमें एके-47 के साथ खालिस्तान समर्थक खड़े नजर आ रहे हैं.