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PAK आर्मी चीफ को पर्रिकर का जवाब, 'लगी है आंध्र वाली मिर्ची'

पाकिस्तान के आर्मी चीफ राहील शरीफ के बयान का रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने 'तीखा' जवाब दिया है. पर्रिकर ने कहा है कि पाकिस्तान को आंध्र वाली मिर्ची लगी है.

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Manohar Parrikar
Manohar Parrikar

पाकिस्तान के आर्मी चीफ राहील शरीफ के बयान का रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने 'तीखा' जवाब दिया है. पर्रिकर ने कहा है कि पाकिस्तान को आंध्र वाली मिर्ची लगी है.

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पाकिस्तान के आर्मी चीफ राहील शरीफ ने बुधवार को कहा था कि कश्मीर को पाकिस्तान से कभी जुदा नहीं किया सकता. उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत-पाक बंटवारे का एक अधूरा अजेंडा है. शरीफ ने भारत का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग पाक में अशांति फैलाने की कोशिशों में लगे हुए हैं.

इस बारे में पर्रिकर से पूछा गया कि 'लगता है कि आपके एक बयान से पाकिस्तान को बहुत मिर्ची लगी है.'. इस पर पर्रिकर ने कहा कि वह पाकिस्तान के बयानों का जवाब नहीं देना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने साथ ही जोड़ा, 'पर मिर्ची तो आंध्र वाली लगी है.' याद रहे कि पर्रिकर ने पिछले दिनों आतंकियों से निपटने के लिए 'कांटे से कांटा' निकालने की नीति अपनाने की बात कही थी.

पाकिस्तान को अमेरिका की ओर से हथियार बेचने पर जताई चिंता
वहीं, अमेरिकी रक्षा मंत्री एस्टन कार्टर से यहां मुलाकात से पहले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पाकिस्तान को हथियारों की बिक्री पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘मैं इसकी बारीकियों पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा लेकिन पाकिस्तान को किसी तरह के हथियारों की ब्रिक्री भारत के लिए चिंता का विषय है.’ रक्षा मंत्री पाकिस्तान को अमेरिकी हथियारों की लगातार बिक्री के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे. उनसे यह भी पूछा गया था कि क्या यह मुद्दा शाम को उनकी कार्टर के साथ होने वाली बैठक के दौरान भी उठेगा.

कांग्रेस की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 9/11 आतंकी हमले के बाद से अमेरिका ने पाकिस्तान को 5.4 अरब डॉलर के सैन्य उपकरण दिए जिसमें एफ-16 लड़ाकू विमान शामिल है.

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'खरीद प्रक्रिया में आना चाहिए बदलाव'
पाकिस्तान को इन सैन्य उपकरणों की आपूर्ति सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकवादियों से लड़ाई के लिए क्षमता निर्माण करने की जरूरत के मद्देनजर देने की बात कही गई. लेकिन पाकिस्तान को आपूर्ति किये गए हथियारों और उपकरणों में ज्यादातर ऐसे हैं जिनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ पारंरिक युद्ध में किया जा सकता है.

उन्होंने कहा, ‘हमें अंग्रेजों की व्यवस्था विरासत में मिली है. सरकार में हर कोई एक दूसरे को शक की नजर से देखता है. यहां प्रश्नचिह्न और संदेह का माहौल है. स्वाभाविक तौर पर रक्षा ऐसा सबसे बड़ा क्षेत्र है जहां बोलना भी अनुचित समझा जाता है.’ मंत्री ने कहा कि माहौल धीरे धीरे बदल रहा है. पर्रिकर ने कहा कि वह पहला बदलाव खरीद प्रक्रिया में लाना चाहते हैं जिससे वेंडरों के साथ साझीदार की तरह व्यवहार किया जाए.

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