पाकिस्तान लगातार खंडन करता रहा है कि पिछले महीने आकाश में भारत के साथ हुई भिड़ंत के दौरान उसने F-16 विमानों का इस्तेमाल किया था. ये टकराव ख़ैबर पख्तूनख्वा के बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर भारतीय वायुसेना के विमानों की बमबारी के अगले दिन हुआ था.
27 फरवरी को पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफ़ूर ने कहा, “वे कहते हैं कि उन्होंने पाकिस्तान का एक F-16 मार गिराया. साफ़ कर दें कि पाकिस्तान ने F-16 विमानों का इस्तेमाल नहीं किया.”
पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने 1 मार्च को एक आस्ट्रेलियाई नेटवर्क को पंजाबी में दिए इंटरव्यू में भी यही दोहराया कि पाकिस्तान ने किसी अमेरिकी लड़ाकू विमान की अब तक तैनाती नहीं की.
पाकिस्तान की पलटी, 27 फरवरी के पायलट पहचाने
लेकिन पांच दिन बाद ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने देश की नेशनल असेंबली में चौंकाने वाला दावा किया. कुरैशी ने 27 फरवरी की भिड़ंत में शामिल रहे दो पायलटों की पहचान की. इनमें से एक पायलट की पहचान विंग कमांडर नौमन अली ख़ान के तौर पर की गई, जिनकी कुरैशी ने भारतीय विमान पर हमला करने के लिए असेंबली में तारीफ़ की.
विंग कमांडर नौमान अली खान
F-16 उड़ाने का 10 साल का अनुभव
इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलीजेंस टीम ने विंग कमांडर ख़ान के 10 वर्ष लंबे फ्लाइंग रिकॉर्ड को ट्रैक किया. खंगालने से पता चला कि वे करियर F-16 पायलट हैं. जांच से सामने आया कि जिस पायलट की पहचान बीते महीने भारतीय विमान पर हमला करने वाले के तौर पर हुई थी, वो F-16 ही उड़ा रहा था.
आइए बताते हैं कि इंडिया टुडे के OSINT इंवेस्टेगेशन ने इस्लामाबाद के इस झूठ को तार-तार कर दिया कि बालाकोट के बाद आकाश में हुए टकराव के दौरान किसी अमेरिकी लड़ाकू विमान का इस्तेमाल नहीं किया गया था.
2010 के पाक-अमेरिका वार गेम्स
इंडिया टुडे की OSINT टीम ने विंग कमांडर ख़ान की बैकग्राउंड को सभी ओपन सोर्स के जरिए बारीकी से खंगाला. इंडिया टुडे की जांच के पहले चरण ने अमेरिका में नेवादा के सबसे ज्यादा आबादी वाले शहर लास वेगास की ओर इशारा किया. अमेरिकी सेना से सोर्स की गई तस्वीरों के मुताबिक विंग कमांडर ख़ान ने 2010 में नेवादा के नेल्लिस बेस में अमेरिकी वायुसेना के साथ साझा सैन्य अभ्यास में हिस्सा लिया था.
अमेरिकन एयरफोर्स के साथ नौमान अली खान
तस्वीरों में ख़ान को अमेरिकी वायुसेना के ठिकाने के अंदर आत्मविश्वास के साथ चलते और पाकिस्तानी वायुसेना के F-16 को उड़ाने की तैयारी करते देखा जा सकता है. उन्हें नेल्लिस बेस पर ही लिए गए एक ग्रुप फोटोग्राफ में भी देखा जा सकता है.
क्लिप्स से निर्णायक तौर पर पता चलता है कि पाकिस्तानी पायलट 9 साल पहले F-16 उड़ाया था. साथ ही अमेरिका में हुए दुनिया के प्रतिष्ठित एरियल वार गेम्स में पाकिस्तान की नुमाइंदगी की थी.
पाक वायुसेना चीफ़ की F-16 उड़ान
अब आते हैं 23 मार्च 2018 को पाकिस्तान के नेशनल डे पर. इंडिया टुडे की OSINT टीम ने इस दिन हुए कार्यक्रम की तस्वीरों और वीडियो को खंगाला. इनमें पाकिस्तान के एयर चीफ़ मार्शल मुजाहिद अनवर ख़ान को एक सैन्य ठिकाने पर F-16 उड़ान के लिए तैयार देखा जा सकता है. क्लिप्स में विंग कमांडर नौमन अली ख़ान को भी देखा जा सकता है. साथ उनके कंधे के पैच पर अमेरिका से हासिल जेट विमानों की 2000 घंटे की उड़ान का अनुभव होने की बात देखी जा सकती है.
पाक वायुसेना के चीफ़ के फ्लाइट सूट के पैच को ज़ूम करके देखा गया तो स्क्वॉड्रन की पहचान हुई. यानी पाक वायुसेना की पांचवी स्क्वाड्रन जो F-16 विमानों से लैस है. विंग कमांडर नौमन अली ख़ान को पाक वायुसेना चीफ़ के ठीक पीछे, फ्लाईपास्ट के लिए F-16 में दाखिल होने से पहले देखा जा सकता है.
बालाकोट के बाद पायलट को PAF चीफ़ की शाबाशी
पाक वायुसेना चीफ़ ने 4 मार्च को पाकिस्तान के फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस का दौरा किया. ओपन-सोर्स तस्वीरों और वीडियो की इंडिया टुडे की OSINT टीम ने जांच की तो सामने आया कि एयर चीफ़ मार्शल मुजाहिद अनवर ख़ान वहां विंग कमांडर नौमन अली ख़ान की पीठ ठोकते हुए देखे गए. जाहिर है कि पाक वायुसेना चीफ़ की ओर से पायलट को भारत के ख़िलाफ़ आकाश में हुई भिड़ंत में निभाई गई भूमिका के लिए ही शाबाशी दी जा रही थी.
OSINT सबूत ना सिर्फ खुद ही सारी कहानी बयान करता है बल्कि ये भी ठोस ढंग से स्थापित करता है कि पाकिस्तान ने 27 फरवरी को F-16 का इस्तेमाल कर एंड-यूज़ एग्रीमेंट का उल्लंघन किया. जिसके तहत वो इन विमानों का इस्तेमाल सिर्फ़ आतंक विरोधी अभियानों के लिए ही कर सकता है.