पाकिस्तान में शीर्ष मुस्लिम विद्वानों ने स्कूलों में यौन शिक्षा देने का पक्ष लिया है. रूएत ए हिलाल समिति के अध्यक्ष मुफ्ती मुनीब उर रहमान ने कहा कि पुरुष शिक्षकों को लड़कों को और महिला शिक्षकों को लड़कियों को यौन शिक्षा प्रदान करनी चाहिए. सेंट्रल पंजाब यूनिवर्सटी में सामाजिक विज्ञान संकाय के अध्यक्ष और मुस्लिम विद्वान खालिद जहीर ने यौन शिक्षा की अनिवार्यता पर अपनी सहमति जताई.
जहीर ने कहा कि बच्चों को यौन शिक्षा देने के लिए शिक्षकों का चयन बेहद सावधानी से किया जाए. एक टीवी न्यूज चैनल पर ‘टॉक शो’ में जहीर ने कहा, ‘‘यह बेहद संवेदनशील मुद्दा है और हम खामोश नहीं रह सकते. लेकिन इसके बारे में इस तरह से विचार विमर्श किया जाए कि इससे नुकसान नहीं हो.’’
जहीर ने सुझाया कि औपचारिक यौन शिक्षा हासिल करने से पहले किसी युगल को विवाह की इजाजत नहीं दी जाए. एक अन्य कार्यकर्ता एस जबीन ने कहा, ‘‘बच्चों को यदि दिशा नहीं दिखाई गई तो वह अपने मन में पैदा होने वाली आशंकाओं का समाधान गलत तरीके से करेंगे. नीम हकीम और यौन परभक्षी उनकी जिंदगी तबाह कर सकते हैं.’’