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अमेरिका ने माना, पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के कारण बढ़ा भारत के साथ टकराव का खतरा

अमेरिका का मानना है कि पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से भारत और उसके इस पड़ोसी मुल्क के बीच टकराव का खतरा बढ़ गया है. अमेरिकी संसद की 30 पन्नों की एक रिपोर्ट में यह आशंका जाहिर की गई है.

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पाकिस्तान तेजी से परणामु हथियार बढ़ाने में जुटा है
पाकिस्तान तेजी से परणामु हथियार बढ़ाने में जुटा है

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अमेरिका का मानना है कि पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से भारत और उसके इस पड़ोसी मुल्क के बीच टकराव का खतरा बढ़ गया है. अमेरिकी संसद की 30 पन्नों की एक रिपोर्ट में यह आशंका जाहिर की गई है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान के शस्त्रागार में संभवत: परमाणु हथियार हैं.

पाकिस्तान तेजी से परणामु हथियार बढ़ाने में जुटा
रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान के परमाणु सामग्री के उत्पादन की बढ़ती क्षमता ने भारत के साथ उसके परमाणु टकराव के जोखिम को बढ़ा दिया है. पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार के बारे में माना जाता है कि उसे तैयार ही इस तरह किया गया है कि भारत को उसके खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने से रोका जा सके.

सीआरएस की रिपोर्ट में खुलासा
सीआरएस ने यह रिपोर्ट न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की सदस्यता हासिल करने के लिए पाकिस्तान की ओर से जुटाए जा रहे समर्थन के बीच दी है. सीआरएस अमेरिकी संसद के दोनों सदनों को नीतिगत और कानूनी विश्लेषण मुहैया कराती है. सीआरएस अमेरिकी सांसदों के हितों के मुद्दों पर नियमित तौर पर रिपोर्ट तैयार करती है.

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NSG में सदस्यता को लेकर भारत-पाक में होड़
परमाणु अप्रसार विश्लेषक पॉल के केर्र और अप्रसार मामलों की विशेषज्ञ मेरी बेथ निकिटिन की ओर से लिखी गई रिपोर्ट का शीर्षक है ‘पाकिस्तान के परमाणु हथियार ’ जो 14 जून को लिखी गई है. सीआरएस ने यह रिपोर्ट ऐसे समय में दी है जब पाकिस्तान अमेरिका के सामने एनएसजी सदस्यता के लिए लॉबीइंग कर रहा है.

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