नरेंद्र मोदी के फिर से सत्ता पर काबिज होते देख पाकिस्तान अपने रुख में बदलाव करता दिख रहा है. नए घटनाक्रम में पाकिस्तान ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के लिए अपने हवाई मार्ग खोल दिए. स्वराज को एससीओ की बैठक में भाग लेने के लिए किर्गिजस्तान की राजधानी बिश्केक जाना था जो पाकिस्तान की हवाई सीमा से होकर जाना पड़ता और इसके लिए पाक ने अपनी अनुमति दे दी.
मोदी के फिर से सत्ता पर काबिज होने आहट को देखते हुए पाकिस्तान के सुर बदले हुए दिख रहे हैं. दो दिवसीय एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए 21 मई को सुषमा स्वराज को बिश्केक जाना था, जिसके लिए पाक ने उन्हें अपनी सीमा से जाने की अनुमति दे दी. अब नरेंद्र मोदी फिर से सत्ता पर काबिज हो गए हैं तो पाकिस्तान अपने रुख में बदलाव ला रहा है.
"We are determined to consistently strengthen cooperation within the
SCO framework for comprehensive,
cooperative and sustainable security" -
EAM @SushmaSwaraj while delivering her statement at SCO Foreign Minister's Meeting in Bishkek. Full speech at https://t.co/mETyOQkDa3 pic.twitter.com/CLWN4uWXt9
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) May 22, 2019
बैठक में एक-दूसरे का अभिवादन
इससे पहले भारत और पाकिस्तान के संबंधों में तनाव के बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी ने बिश्केक में बुधवार को आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की एक बैठक में एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया और किर्गिज राष्ट्रपति से संयुक्त मुलाकात के दौरान दोनों नेता एक-दूसरे के अगल-बगल बैठे भी नजर आए.
सुषमा स्वराज और शाह महमूद कुरैशी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों के परिषद की बैठक में हिस्सा लिया. रूस, चीन, किर्गिजस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपतियों ने 2001 में शंघाई में शिखर सम्मेलन में एससीओ की स्थापना की थी.
भारत-पाक में कोई बैठक नहीं
पाकिस्तानी मीडिया ने खबर दी कि दोनों नेता एससीओ के विदेश मंत्रियों की बहुपक्षीय बैठक के दौरान एक-दूसरे के अगल-बगल में बैठे. पाक मीडिया की ओर से प्रकाशित तस्वीरों में सुषमा और कुरैशी एक दूसरे के अगल-बगल बैठे नजर आए. सुषमा-कुरैशी बैठक के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि दोनों नेताओं ने केवल एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया. उन्होंने कहा, ‘उनके बीच कोई बैठक नहीं हुई. दोनों नेताओं की तस्वीर किर्गिज राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव के साथ संयुक्त मुलाकात की है.
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी मीडिया की यह खबर ‘तथ्यात्मक रूप से गलत और गुमराह करने वाली है’ कि दोनों नेता एससीओ बैठक में एक-दूसरे के अगल-बगल में बैठे. उन्होंने कहा, ‘एससीओ में बैठने की व्यवस्था रूसी वर्णमाला के अनुसार होता है जिसके तहत भारत और पाकिस्तान एक साथ नहीं आ सकते. यह एससीओ बैठकों की आदर्श परंपरा है.’
एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए सुषमा मंगलवार को किर्गिज गणराज्य की राजधानी पहुंचीं. भारत को 2017 में पाकिस्तान के साथ एससीओ सदस्यता प्रदान की गई. इस बीच, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कुरैशी के हवाले से कहा, ‘आज (मैं) सुषमा जी से मिला. उनकी शिकायत थी कि हम कई बार कड़वे तरीके से बातचीत करते हैं. वह आज मिठाई लेकर आईं ताकि हम मीठा बोल सकें.’
कुरैशी ने आगे कहा, ‘हमने उनके सामने स्पष्ट किया कि हम सभी मुद्दों को बातचीत के जरिये सुलझाना चाहते हैं और प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने पहले ही भाषण में कहा था कि अगर भारत एक कदम आगे बढ़ाता है तो हम दो कदम आगे बढ़ाएंगे. आज भी हम बातचीत के लिए तैयार हैं.’
एससीओ बैठक के लिए रवाना होने से पहले कुरैशी ने कहा था कि क्षेत्रीय मंच के उद्घाटन सत्र को संबोधित करने के अलावा वह अन्य देशों के अपने समकक्षों के साथ भी बैठक करेंगे. 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद की ओर से किए गए पुलवामा आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया और रिश्ते बेहद खराब हो गए थे. जवाब में भारत ने 26 फरवरी को पाक शहर बालाकोट में एयरस्ट्राइक किया था.