पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ ने उस दौर में ख्वाजा के दर पर जियारत की, जबकि भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्तों में खटास है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि पड़ोसी मुल्क से आए मेहमान से हाथ तो मिले, पर दिल भी मिला क्या?
भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खुद कहा था कि आतंकवाद से कोई समझौता नहीं होगा. लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की इस यात्रा को लेकर अब हमारी सरकार जहां शिष्टाचार की दुहाई दे रही है, वहीं यात्रा के विरोध में भी जोरदार आवाज उठी है.
जयपुर के होटल में राजा परवेज अशरफ से सलमान खुर्शीद की मुलाकात हुई, हाथ मिलाए गए, लेकिन दिल भी मिला क्या, इस सवाल का जवाब ढूंढना मुश्किल नहीं है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का विमान हवाई अड्डे पर देर से पहुंचा, लेकिन स्वागत में कोई कमी नहीं रही. अगवानी के लिए खुद विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद पहुंचे हुए थे. लाख विरोध हुआ, पर विदेश मंत्री ने पहले ही कह दिया था कि मसला अतिथि के आने का है, तो सत्कार में सियासत कैसी?
मेजबानी का यह तर्क सबको पसंद नहीं आ रहा है. दरगाह के दीवान ने तो पहले ही विरोध का झंडा बुलंद कर दिया था. विपक्ष ने भी कहा कि ऐसे अतिथि का आना उन्हें कतई रास नहीं आ रहा है.
खैर, विरोध के बीच जयपुर के रामबाग पैलेस में राजा परवेज के लिए दावत की टेबल सजी. जियारत को आए पीएम की टेबल पर राजस्थानी जायके का पूरा ख्याल रखा गया. पाकिस्तान प्रधानमंत्री को लाल मांस, पापड़ की सब्जी, शोरबा, दाल-बाटी-चूरमा, केर सांगरी की सब्जी, रसमलाई, कुल्फी और दूसरे कई व्यंजन परोसे गए.
इधर जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री होटल में लंच कर रहे थे, तो दूसरी ओर सरहद पर शहीद हुए सैनिकों का परिवार उन्हें धिक्कार रहा था.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के दौरे के दिन सबसे अहम बयान सेनाध्यक्ष बिक्रम सिंह का आया. उन्होंने इस दौरे पर टिप्पणी करने से मना कर दिया, लेकिन सरहद पर नापाक हरकतों की बात उठी, तो उन्होंने कहा कि हमने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं.
जियारत के बाद राजा परवेज अशरफ शनिवार को ही लौट रहे हैं. मुराद पूरी होगी या नहीं, कहा नहीं जा सकता. लेकिन, इस दौरे पर सरहद पार की सियासत की भी पैनी नजर है. ख्वाजा खैर करें...