भारत और पाकिस्तान के बीच हालात तनावपूर्ण होते जा रहे हैं. लेकिन भारत की आधिकारिक प्रतिक्रियाएं बेहद सधी और संयमित हैं, जबकि इसके ठीक उलट पाकिस्तान की आधिकारिक प्रतिक्रियाएं भी झूठ की बुनियाद पर टिकी हैं. पाकिस्तान का मीडिया तो झूठ परोस ही रहा है. आपको बताते हैं कि मंगलवार को जब भारतीय वायुसेना ने एक्शन लिया था तब से लेकर अब तक पाकिस्तान ने कैसा-कैसा झूठ बोला है. इस बीच भारत ने पाकिस्तान के कार्यकारी उच्चायुक्त को तलब पाकिस्तान की एक-एक हरकत के बारे में अगवत करा दिया है.
पाकिस्तान ने ना सिर्फ हवाई सीमा तोड़ी है, बल्कि सैन्य ठिकानों को टारगेट किया है. जबकि भारत ने 26 फरवरी को बालाकोट में एंटी टेरर- नॉन मिलिट्री एक्शन लिया था. क्योंकि पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ एक्शन लेने में नाकाम रहा है.
पाकिस्तान के 10 F-16 विमान अलग-अलग जगहों से उड़े. इनका टारगेट नौशेरा में आर्मी ब्रिगेड हेडक्वॉर्टर और ऑयल डिपो था. ये लड़ाकू विमान इस्लामाबाद, नूरखान और सरगोधा एयरबेस से उड़े थे. भारतीय रडार की पकड़ में ये सुबह 9 बजकर 52 मिनट पर आ गए थे.
तत्काल ही 4 सुखोई-30 और 2 मिग-21 लड़ाकू विमान श्रीनगर और अवंतीपुरा से गए. नौशेरा सेक्टर में सुबह 10 बजे भारतीय वायुसीमा में पाकिस्तान के लड़ाकू विमान घुसे.
दो मिनट के अंदर ही राजौरी के आसमान में भारतीय लड़ाकू विमानों से इनका एनकाउंटर हुआ. पाकिस्तानी लड़ाकू विमान तुरंत वापस लौटे और लौटते-लौटते ही उनका एक F-16 विमान को भारतीय सेना ने मार गिराया. लेकिन इसी हवाई एनकाउंटर में हमें दो में से एक मिग-21 विमान को खोना पड़ा.
अब पाकिस्तान ने जो हरकत की है, उस पर भारत के पास जवाब देने का अधिकार है. ये आक्रमण करने वाली हरकत है जिस पर निर्णायक कार्रवाई की जाएगी. पाकिस्तान की सेना और सरकार आतंकियों पर आंख मूंद कर बैठी है.
पुलवामा हमले में जैश-ए-मोहम्मद का हाथ होने के सबूतों के दस्तावेज़ दिए गए हैं. पाकिस्तान इनकार ना करे बल्कि इन सबूतों के दस्तावेज़ के आधार पर तुरंत एक्शन ले. पाकिस्तान को ये भी बता दिया गया कि जो भारतीय पायलट उनके कब्ज़े में है उसे तुरंत छोड़े.
जिस तरह से भारतीय पायलट के साथ बर्ताव किया गया, वो जेनेवा कंवेंशन के खिलाफ है. अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ जाकर घायल भारतीय सैनिक के साथ असभ्य बर्ताव हुआ है. पाकिस्तान समझ ले कि भारतीय पायलट को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए.