पाकिस्तान ने भारत से कहा है कि मुंबई हमला मामले की फिर से जांच संभव नहीं है क्योंकि मुकदमे की सुनवाई आगे बढ़ चुकी है और 26-11 हमले के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद के खिलाफ ठोस सबूत की मांग की. इस मामले में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए पत्राचार की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत ने 2008 के मामले की नए सिरे से जांच और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद पर मुकदमा चलाने की मांग के जवाब में पाकिस्तान ने कहा कि मुकदमा अब निर्णायक चरण में पहुंच चुका है.
अधिकारी ने कहा, सभी कार्यवाही मामले में तय की जा चुकी हैं, सिवाय 24 भारतीय गवाहों के बयान दर्ज होने के. इस स्थिति में फिर से जांच संभव नहीं है. भारत अगर इस मामले का परिणाम चाहता है तो उसे अपने गवाहों को बयान दर्ज करवाने के लिए पाकिस्तान भेजना चाहिए. पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी कानून के तहत सईद और उसके चार सहयोगी 30 जनवरी से लाहौर में नजरबंद हैं.
सईद के सिर पर आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में उसकी भूमिका के लिए अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है. जमात उद दावा प्रमुख को इससे पहले मुंबई हमले के बाद भी नजरबंद किया गया था. हालांकि 2009 में उसके खिलाफ साक्ष्यों के अभाव में उसे एक अदालत ने बरी कर दिया. इस मामले में उसके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पाकिस्तान ने भारत से ठोस साक्ष्य की मांग की है.