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हेडली के खुलासे को पाकिस्तान ने किया खारिज

पाकिस्तान ने गुरुवार को उन खबरों को खारिज कर दिया जिनमें कहा गया है कि लश्कर ए तैयबा से जुड़े डेविड हेडली का मुंबई आतंकवादी हमलों के सिलसिले में पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों से सम्पर्क था.

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पाकिस्तान ने गुरुवार को उन खबरों को खारिज कर दिया जिनमें कहा गया है कि लश्कर ए तैयबा से जुड़े डेविड हेडली का मुंबई आतंकवादी हमलों के सिलसिले में पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों से सम्पर्क था.

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पाकिस्तान ने कहा है कि इस आशय की खबरें ‘गुमराह करने के लिए लीक’ की गई हैं जिनका मकसद देश की छवि खराब करना है. भारतीय मीडिया में खबर आई है कि हेडली ने पाकिस्तान के तीन सैन्य अधिकारियों के नाम लिए हैं जिनका उन आतंकवादियों से सम्पर्क था जो मुंबई हमले के लिए जिम्मेदार थे.

इस बारे में पूछे जाने पर पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने कहा कि ये खबरें ‘अपना उल्लू सीधा करने और गुमराह करने के लिए लीक की गई हैं जिनका मकसद पाकिस्तान और हमारी सुरक्षा एजेंसियों की छवि खराब करना है.’ पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों से हेडली के संबंध होने की खबरों पर बासित ने कहा, ‘ये खबरें हमारी टिप्पणी के लायक नहीं हैं.’ हेडली मुंबई हमलों की साजिश रचने का जुर्म कुबूल कर चुका है.

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भारतीय जांच अधिकारियों का एक दल अमेरिका में उससे पूछताछ कर रहा है. बासित ने कहा कि यह ‘महत्वपूर्ण’ है कि भारत ‘पाकिस्तान के प्रति अपना ऐतिहासिक पूर्वाग्रह को दूर करे ताकि हम दो देश दक्षिण एशिया में शांति और खुशहाली बढ़ाने के इरादे से एक नयी शुरआत कर सकें.’ खबरों के मुताबिक, हेडली ने भारतीय जांच अधिकारियों को पाकिस्तान की सेना के तीन मेजरों के नाम बताए हैं जो मुंबई पर हमला करने वाले आतंकवादियों के सम्पर्क में थे.

खबरों के मुताबिक, हेडली ने यह भी बताया है कि लश्कर ए तैयबा के आतंकवादियों ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’ के ‘मार्गदर्शन’ में मुंबई हमलों को अंजाम दिया. दक्षिण एशिया के लिए अमेरिका के विदेश उपमंत्री रॉबर्ट ब्लेक ने कहा है कि अमेरिका ने पाकिस्तान से आश्वासन मांगा है कि वह अमेरिका से मिल रहे हथियारों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं करेगा. {mospagebreak}

इस बारे में पूछे गए सवालों को बासित टाल गए. उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (ब्लेक) वो कहा जो उन्हें कहना था. उन्होंने जो कहा, मुझे उसमें कुछ नहीं जोड़ना है.’ बासित ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच भरोसे की कमी ‘कोई नयी बात नहीं है’ और ‘यह कई कारणों से दशकों से मौजूद है.’ उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि सार्थक तरीके से आगे बढ़ने के लिए, भरोसे की कमी की खाई को पाटने के लिए यह जरूरी है कि दोनों पक्ष उन तमाम मुद्दों पर विचार विमर्श करें जो हमारे संबंधों को बिगाड़ते रहे हैं. दोनों देशों के प्रधानमंत्री थिम्पू में इस बात पर राजी हुए थे.’

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विदेश विभाग के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की इस्लामाबाद में 15 जुलाई को होने वाली मुलाकात में पाकिस्तान का इन सभी लंबित मुद्दों पर विचार विमर्श करने का इरादा है. बासित ने संकेत दिया कि दोनों पक्षों ने आगामी मुलाकात के लिए आधार तैयार करना शुरू कर दिया है. उल्लेखनीय है कि दक्षेस देशों के विदेश मंत्रियों की इस्लामाबाद में 26 जून को बैठक होनी है. भारत और पाकिस्तान के विदेशमंत्री इस बैठक से इतर मुलाकात करेंगे.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किए जाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर बासित ने कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र को लोकतांत्रिक और पारदर्शी बनाने के लिए उसमें सुधार चाहता है. उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की श्रेणी में विस्तार का हम वाकई समर्थन नहीं करते. इसके लिए हम समान विचार वाले देशों के साथ संयुक्त राष्ट्र के दायरे में रहकर काम कर रहे हैं और हमने अपने प्रस्ताव आगे बढ़ा दिए हैं.’

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