scorecardresearch
 

बिपिन रावत बोले- पाक गोलीबारी से घाटी में हिमस्खलन का खतरा बढ़ा

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज कहा कि जम्मू कश्मीर जैसी जगहों पर ग्लोबल वार्मिंग, पारिस्थितिकीय बदलाव और पाकिस्तानी सैनिकों की गोलीबारी की वजह से हिमस्खलन की घटनाएं हो रही हैं जहां पहले इस तरह के वाकये सामने नहीं आते थे.

Advertisement
X
आर्मी चीफ बिपिन रावत
आर्मी चीफ बिपिन रावत

Advertisement

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज कहा कि जम्मू कश्मीर जैसी जगहों पर ग्लोबल वार्मिंग, पारिस्थितिकीय बदलाव और पाकिस्तानी सैनिकों की गोलीबारी की वजह से हिमस्खलन की घटनाएं हो रही हैं जहां पहले इस तरह के वाकये सामने नहीं आते थे.

जनरल रावत ने सोनमर्ग में 25 जनवरी को हिमस्खलन की एक घटना में जान गंवाने वाले मेजर अमित सागर को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा, 'पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन और भारी हथियारों के इस्तेमाल से मिट्टी को नुकसान पहुंचता है और भूस्खलन का खतरा होता है. ग्लोबल वार्मिंग से भी ग्लेशियरों में दरार पड़ रही है. सेना प्रमुख ने प्रादेशिक सेना (टेरिटोरियल आर्मी) के अधिकारी मेजर अमित सागर के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि वहां कठिन परिस्थितियों के बावजूद वह स्वेच्छा से डटे रहे.

कश्मीर घाटी में पिछले सप्ताह से हिमस्खलन और हिमपात से जुड़ी घटनाओं में सेना के 15 जवानों समेत 21 लोगों की मौत हो चुकी है. रावत ने कहा कि राज्य में पिछले 72 घंटे से भारी बर्फबारी हो रही है और अगले दो से तीन दिन ऐसे ही हालात रहने की संभावना है.

Advertisement

उन्होंने कहा, 'ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ग्लेशियरों में दरार पड़ रही है. ऐसे इलाकों में हिमस्खलन हुआ जहां पहले इस तरह के मामले नहीं देखे गए’. सेना प्रमुख ने कहा कि बड़े स्तर पर संघर्ष विराम उल्लंघन हुआ है और भारी हथियारों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. कई बार इससे मिट्टी पर असर पड़ता है.

उन्होंने कहा कि सेना उन जगहों से सैनिकों को हटा लेती है जहां भूस्खलन की आशंका रहती है. हालांकि कुछ चौकियां उग्रवाद के लिहाज से संवेदनशील होती हैं. जनरल रावत ने कहा कि हमारे सैनिक इस खतरे का सामना कर रहे हैं. कठिनाइयों के बावजूद वे अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सेना हिमस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों का पता लगाने के लिए डीआरडीओ के तहत काम करने वाले हिम और हिमस्खलन अध्ययन संस्थान की मदद ले रही है. रावत ने हिमस्खलन में जान गंवा चुके जवानों के परिवारों से भी धर्य रखने का अनुरोध किया क्योंकि मौसम खराब होने के कारण जवानों की पार्थिव देह निकालने में कठिनाइयां आ रहीं हैं.

Advertisement
Advertisement