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पठानकोट मामले की जांच के लिए 14 मार्च से पहले भारत आएगी PAK से SIT की टीम!

आगामी 15 और 16 मार्च को नेपाल में SAARC सम्मेलन का आयोजन भी होना है. सूत्र बताते हैं पाकिस्तान की जांच टीम के भारत आने और उसके सकारात्मक रुख को देखने के बाद ही नेपाल में दोनों मुल्कों के बीच सम्मेलन से इतर कोई द्विपक्षीय बातचीत होगी.

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पठानकोट एयरबेस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य अधि‍कारी
पठानकोट एयरबेस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य अधि‍कारी

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पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले की जांच के लिए पाकिस्तान से SIT की टीम इसी महीने भारत आ सकती है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि यह टीम 14 मार्च से पहले हिंदुस्तान आएगी. भारत की ओर से कहा गया है कि ऐसी किसी भी टीम के आने की खबर पड़ोसी मुल्क को 5 दिन पहले ही देनी होगी.

हालांकि, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने पाकिस्तान की ओर से इस बाबत अभी तक कोई जानकारी दिए जाने की बात से इनकार किया है. उन्होंने कहा, 'हमें अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. हम इस बाबत ब्योरे का इंतजार कर रहे हैं.'

गौरतलब है कि आगामी 15 और 16 मार्च को नेपाल में SAARC सम्मेलन का आयोजन भी होना है. सूत्र बताते हैं पाकिस्तान की जांच टीम के भारत आने और उसके सकारात्मक रुख को देखने के बाद ही नेपाल में दोनों मुल्कों के बीच सम्मेलन से इतर कोई द्विपक्षीय बातचीत होगी. अगर सबकुछ ठीक रहा तो नेपाल में दोनों मुल्कों के मंत्रियों के बीच मुलाकात भी हो सकती है.

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NIA ने मांगा आतंकियों का ब्योरा
दूसरी ओर, एनआईए ने पाकिस्तान से पठानकोट हमले में मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकियों का ब्योरा मांगा है. इस बाबत भेजे गए अनुरोध पत्र में आतंकियों ने जिन नंबरों पर फोन किए थे, उसकी रिकॉर्ड की भी मांग की गई है.

पठानकोट हमले में पाकिस्तान की एसआईटी की मार्च में संभावित यात्रा से पहले एनआईए ने यह कदम उठाया है. अनुरोध पत्र विशेष अदालत के माध्यम से भेजा जाने वाला कानूनी दस्तावेज है. माना जा रहा है कि फोन नंबर आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े लोगों के नाम से हैं. इनमें मुल्ला दादुल्ला और कासिफ जान शामिल हैं. साझा किए गए नंबर मोबिलिंक, वारिद और टेलीनार जैसे पाकिस्तानी टेलीकॉम ऑपरेटरों के हैं.

फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट का इंतजार
हालांकि, अनुरोध पत्र के सवाल पर एनआईए का कहना है कि वह चंडीगढ़ की फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. सूत्रों बताते हैं कि वायुसेना कर्मियों के आवासीय क्षेत्र में कोई आतंकी नहीं घुसा था, क्योंकि वहां से कोई मानव अवशेष या गोला बारूद बरामद नहीं हुए हैं. एनएसजी ने आवासीय क्षेत्र से गोलीबारी किए जाने का दावा किया था.

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