भारतीय नौसेना के पूर्व अफसर कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान का एक बार फिर असली चेहरा सामने आ रहा है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि वे इस मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस की भी नहीं सुनेंगे.
खबरों के मुताबिक पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल को भारत की ओर से इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का रुख करने के 2 दिन बाद ही ब्रीफ किया गया था.
दरअसल कुलभूषण मामले पर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस 15 मई से सुनवाई करेगा. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में दायर केस में भारत ने इसे वियना समझौते के खिलाफ बताया है.
आईसीजे में सुनवाई का होगा सीधा प्रसारण
कुलभूषण जाधव को सुनाई गई मौत की सजा पर रोक लगाने के लिए भारत की ओर से अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में दायर याचिका पर सुनवाई का सीधा प्रसारण होगा. संयुक्त राष्ट्र के भारत स्थित सूचना केन्द्र द्वारा जारी आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है.
केन्द्र के सूचना अधिकारी राजीव चंद्रन द्वारा जारी बयान के मुताबिक आगामी 15 मई को नीदरलैंड के हेग स्थित आईसीजे के मुख्यालय में जाधव की फांसी की सजा को रोकने संबंधी मामले में सुनवाई का संयुक्त राष्ट्र के वेब टीवी पर सीधा प्रसारण किया जाएगा.
सुनवाई का प्रसारण आईसीजे की आधिकारिक वेबसाइट पर भी किया जाएगा. इसमें कहा गया है कि वेबटीवी डॉट यूएन डॉट ओआरजी पर 15 मई को भारतीय समयानुसार दिन में डेढ़ बजे से सुनवाई का प्रसारण शुरू हो जाएगा.
क्या है पूरा मामला
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी का दोषी बताते हुए फांसी की सजा सुनाई है. पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में उन्हें एक साल से भी अधिक समय से हिरासत में रखा है. कुलभूषण जाधव 10 अप्रैल को पाकिस्तान की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. कुलभूषण जाधव को पिछले साल 3 मार्च, 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था. पाकिस्तान ने जाधव को भारतीय जासूस बताकर गिरफ्तार किया था.