एक तो चोरी, ऊपर से सीनाजोरी- पाकिस्तान की हरकत के बारे में यह कहावत बिल्कुल सही है. पड़ोसी मुल्क के नेताओं ने भारत के खिलाफ शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें बीएसएफ की गोलीबारी में दो पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की निंदा की गई है.
सर्वदलीय बैठक में 31 दिसंबर की घटना पर गंभीरता से संज्ञान लिया गया. उस घटना में पाकिस्तान रेंजर्स के दो सैनिक मारे गए थे. सर्वदलीय बैठक आतंकवादियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक केस चलाने के लिए सैन्य अदालतों के गठन को लेकर मतभेदों को खत्म करने के लिए बुलाई गई थी.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, भारत के सीमा सुरक्षा बल की ‘कायरतापूर्ण और अनैतिक कार्रवाई’ अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त पेशेवर सैन्य मानदंडों और सीमा समन्वय तंत्रों की सहमत भावनों के बिल्कुल खिलाफ है.
बयान में कहा गया है, ‘यह एपीसी भारत के सीमा सुरक्षा बल की अवैध और नितांत अनुचित कार्रवाई की जोरदार निंदा करती है और इस बात की मांग करती है कि भारत सरकार इस बर्बर और कपटपूर्ण कार्रवाई के कारणों को स्पष्ट करे.’
इसमें कहा गया, ‘यह इस बात की भी उम्मीद करती है कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा और उनके खिलाफ की गई कार्रवाई से पाकिस्तान सरकार को अवगत कराया जाएगा.’ पाकिस्तान का कहना है कि दोनों सैनिक सीमा पर फ्लैग बैठक के लिए जा रहे थे. ऐसा सफेद ध्वज लेकर आगे आने के सहमत मानदंडों के अनुरूप किया जा रहा था.
पाकिस्तान के मुताबिक, जब वे पारस्परिक रूप से सहमति वाले स्थान पर पहुंचे तो भारतीय सैनिकों ने उनपर गोलीबारी की जिसमें दोनों की मौत हो गई. पाकिस्तान ने घटना की जांच की मांग को लेकर भारत को एक पत्र भी लिखा है.
इनपुट भाषा से