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PAK ने 'दीवार' की आड़ लेकर UN से की भारत की शिकायत

पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शिकायत की है कि भारत की योजना नियंत्रण रेखा (LoC) पर दीवार बनाने की है. पाकिस्तान की श‍िकायत है कि भारत इस तरह LoC को पक्की अंतरराष्ट्रीय सीमा में बदलने की कोशिश कर रहा है.

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घुसपैठ की आशंका को देखते हुए LoC पर भारत ने चौकसी बढ़ा दी है
घुसपैठ की आशंका को देखते हुए LoC पर भारत ने चौकसी बढ़ा दी है

पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शिकायत की है कि भारत की योजना नियंत्रण रेखा (LoC) पर दीवार बनाने की है. पाकिस्तान की श‍िकायत है कि भारत इस तरह LoC को पक्की अंतरराष्ट्रीय सीमा में बदलने की कोशिश कर रहा है.

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सही वक्त पर जवाब देगा भारत
पाकिस्तान के इस कदम पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है कि वह सही वक्त पर इसका जवाब देगा. भारत ने कहा कि उसे पाकिस्तान के चिट्ठी लिखे जाने की जानकारी है.

UNSC को लिखी दो चिट्ठ‍ी
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने चार सितंबर और नौ सितंबर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को दो पत्र लिखे हैं. नौ सितंबर को सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष रूसी राजदूत विताली चुर्किन को लिखे पत्र में लोधी ने जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के बीच की 197 किलोमीटर लंबी सीमा पर 10 मीटर ऊंचा और 135 फुट चौड़ी दीवार बनाने की भारत की योजना पर गहरी चिंता जताई.

'आतंकी के बयान पर आधारित है श‍िकायत'
भारत ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा सुरक्षा परिषद को दिए गए पत्रों में से एक पत्र हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सईद सलाहुद्दीन के बयान पर आधारित है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया कि भारत जानता है कि दो पत्र लिखे गए हैं.
विकास स्वरूप ने कहा, 'मेरा मानना है कि दूसरा पत्र सलाहुद्दीन की ओर से दिए गए एक तरह के बयान पर आधारित है. वह एक ऐसा व्यक्ति है, जिसे हम आतंकी मानते हैं. हम उपयुक्त समय पर इस पर प्रतिक्रिया देंगे.'

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स्वरूप ने कहा कि 4 सितंबर को लिखा गया पहला पत्र कहता है कि कोई भी द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई. स्वरूप ने कहा कि बीएसएफ और पाक रेंजर्स पहले ही बैठक कर चुके हैं. उन्होंने कहा, 'इसलिए वह पत्र खुद ही अपनी बात से अंतर्विरोध जताता है कि कोई वार्ता हुई ही नहीं. वार्ता तो हुई है.'

स्वरूप ने पूछा कि क्या संयुक्त राष्ट्र ने इन पत्रों पर कोई कार्रवाई की? पहला सवाल यही है. यदि संयुक्त राष्ट्र द्वारा कोई कदम उठाया जाता है, तो हम उपयुक्त ढंग से प्रतिक्रिया देंगे. यदि संयुक्त राष्ट्र की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जाता, तो इसका अर्थ यह होगा कि किसी ने पत्रों का संज्ञान नहीं लिया.

पत्र में लोधी ने कहा कि पाकिस्तान का मानना है कि क्षेत्र में एक भौतिक बदलाव लाने वाले एक स्थायी ढांचे का निर्माण सुरक्षा परिषद के वर्ष 1948 के प्रस्ताव का उल्लंघन है. लोधी ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर राज्य को अंतरराष्ट्रीय रूप से विवादित क्षेत्र घोषित किया गया है. जम्मू-कश्मीर के आधिकारिक दर्जे से जुड़े सुरक्षा परिषद के कई प्रस्ताव क्रियान्वयन की राह देख रहे हैं.'

लोधी ने पत्र में लिखा, 'पाकिस्तान का मानना है कि भारत इस तरह नियंत्रण रेखा और कार्य सीमा को स्थायी अंतरराष्ट्रीय सीमा के रूप में तब्दील करने का प्रयास कर रहा है. यह सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का एक अस्वीकार्य उल्लंघन है.'

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पाक ने किया UN के प्रस्ताव का जिक्र
सलाहुद्दीन ने एक बयान में यह भी कहा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भारत द्वारा दीवार बनाए जाने का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन के दौरान उठाना चाहिए और सदस्य देशों को भारत के कदमों के बारे अवगत कराएं. लोदी ने पत्र में कहा कि पाकिस्तान पहले ही औपचारिक तौर पर भारत सरकार के सामने अपना विरोध दर्ज करा चुका है. उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि सुरक्षा परिषद भी इस गंभीर स्थिति पर गौर करेगा और भारत से कहेगा कि वह जमीनी स्थितियों में ऐसे भौतिक परिवर्तन करने से बचे, जो कि सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हैं.'

इनपुट: भाषा

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