पाकिस्तान ने भारतीय सेना के जवान चंदू बाबूलाल चव्हाण को भारत को सौंप दिया है. उन्हें मानवीय आधार पर वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत भेजा गया. चंदू चव्हाण 29 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक के दिन एलओसी पार कर गए थे.
पाक सेना का दावा
पाकिस्तानी सेना की ओर से जारी बयान में दावा किया गया है कि चंदू ने अपनी मर्जी से LoC पार की थी. पाक सेना के मीडिया सेल के मुताबिक वो अपने कमांडरों के दुर्व्यवहार से नाराज थे. लेकिन अब उन्हें स्वदेश वापस लौटने के लिए पाकिस्तान ने राजी कर लिया.
सरहद पर रास्ता भटकना असामान्य नहीं
इस मसले पर दोनों सेनाओं के डीजीएमओ के बीच बातचीत हो चुकी थी. हालांकि पाकिस्तान ने पहले चंदू चव्हाण को पकड़े जाने की बात से इनकार कर दिया था. LoC पर जवानों का गलती से सरहद लांघ जाना कोई असामान्य बात नहीं है. मौजूदा व्यवस्था के तहत ऐसे जवानों को लौटा दिया जाता है. चंदू के पाकिस्तानी सेना के कब्जे में होने की खबर सुनकर उनकी दादी की मौत हो गई थी. वो महाराष्ट्र के रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे के चुनाव क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं.
सर्जिकल स्ट्राइक से नहीं लेना-देना
इंडियन आर्मी के डीजीएमओ ने उस समय जानकारी दी थी कि भारतीय सेना का एक जवान पाकिस्तान में चला गया है. यह जवान 36 राष्ट्रीय रायफल्स का है जो गलती से एलओसी पार कर गया, लेकिन इसका सर्जिकल स्ट्राइक से कोई लेना-देना नहीं था.