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भारत पाकिस्तान के बीच लड़ाई होते ही PAK में हिंदुओं पर होता है जुल्म

भारत-पाकिस्तान में सीमा पर जब भी तनाव होता है वहां रहने वाले हिंदू नागरिकों पर अत्याचार शुरु हो जाता है. राजस्थान के सरहदी इलाकों में पाकिस्तान में हुए अत्याचार की वजह भाग कर भारत आए करीब पांच पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवार सहमे हैं कि दोनों देशों के बीच लड़ाई हुई तो उनके अपनों पर पाकिस्तान में जुल्म शुरु हो जाएगा.

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भारत-पाकिस्तान में तनाव से डरते हैं वहां के हिंदू परिवार
भारत-पाकिस्तान में तनाव से डरते हैं वहां के हिंदू परिवार

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भारत-पाकिस्तान में सीमा पर जब भी तनाव होता है वहां रहने वाले हिंदू नागरिकों पर अत्याचार शुरु हो जाता है. राजस्थान के सरहदी इलाकों में पाकिस्तान में हुए अत्याचार की वजह भाग कर भारत आए करीब पांच पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवार सहमे हैं कि दोनों देशों के बीच लड़ाई हुई तो उनके अपनों पर पाकिस्तान में जुल्म शुरु हो जाएगा.

1965 और 1971 की जंग में लाखों हिंदू शरणार्थी भाग कर आए थे वो बताते हैं कि तनाव की स्थिति में उनकी बहू-बेटियां तक उठा ली जाती हैं, जबरन धर्म बदल देते हैं. इन पाकिस्तानी नागरिकों का कहना है कि वो जान दे देंगें मगर लौटेंगे नहीं.

पाकिस्तान में अल्संपख्यकों पर हो रहे जुल्मों को देख-सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे. अपनी बहू-बेटियों की इज्जत बचाने की खातिर पाकिस्तान से आया ये अट्ठासी परिवार जैसलमेर के किशनाकाठ में इन्हीं झोपड़ियों में रहता है. इन दिनों सीमा पर तनाव की वजह से गांव के लोग बेहद परेशान हैं. परिवार के आधे लोग पाकिस्तान में है. इनका कहना है कि वहां जब भी भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता है सारा दोष हमे देना शुरु कर देते हैं. यहां तक की जबरन धर्म भी बदलवाने लगते हैं.

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66 साल के धरमुरा भील का कहना है कि वो वहां एक नेता के यहां गुलाम था वो बहू-बेटी भी नहीं छोड़ रहे थे तो यहां भाग आए. पाकिस्तान के सराड़ा से आए धरमुरा भील का कहना है कि हमारी बेटी-बहू उठा ली जाती हैं. हमें गुलाम बनाकर रखते थे, कभी काम करने को मना कर दिया तो रात के अंधेरे में पिटाई करते थे. सीमा पर तनाव होता था तो हमारे ऊपर जुल्म शुरु हो जाते थे. इनमें से ज्यादातर लोगों का आधा परिवार पाकिस्तान में ही रहता है. ऐसे में ये लोग डरे हुए हैं कि दोनों देशों में लड़ाई होती है तो मां-बाप और चाचा-चाची का क्या होगा. वहां उनपर भी जुल्म शुरु हो जाएगा. पाक हिंदू नागरिक किशनराम का कहना है कि तनाव के समय में हिंदुओं को वहां प्रशासन भी शक की निगाह से देखना शुरु कर देता है.

पाकिस्तानी हिंदू दिहाड़ी मजदूरी कर यहां किसी तरह से जिंदगी बसर कर रहे हैं मगर किसी भी सूरत में पाकिस्तान लौटने को तैयार नही हैं. कराची के डाक्टर भागचंद तो लाखों की प्रैक्टिस छोड़कर भाग कर आए हैं. इनका कहना है कि इनके बेटे को जबरन कुरान पढ़वाया जाता था. इसलिए डर के मारे मां-पिता जी को छोड़कर पत्नी-बच्चों को लेकर भारत भाग आए हैं. करगिल और संसद हमलों के समय जब इनका परिवार सगड़ में था तो रात को इनके घरों पर हमले होते थे. इसलिए आज भी ये जंग के नाम से डरते हैं. इनका कहना है कि सरकार भी इनकी मदद नहीं करती है.

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इस बस्ती में 88 परिवारों में करीब 300 लोग रहते हैं जो पाकिस्तानी हैं और भारत सरकार फिलहाल इन्हें नागरिकता नहीं दे रही है क्योंकि ये सभी धार्मिक वीजा पर गैरकानूनी ढ़ंग से पाकिस्तान से आए हैं. बिना नागरिकता के राजस्थान के बार्डर इलाकों में 21000 परिवार रहते हैं. ये सभी नागरिकता के लिए भटक रहे हैं.

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