यूरोप के नए कठोर नियमों के कारण पाकिस्तानी आम बागान मालिकों को फल के निर्यात में भारत के हिस्से पर अपना कब्जा जमाने की उम्मीद है. फलों के राजा आम के मामले में दोनों देशों के अपने-अपने दावे हैं. दोनों अपने यहां की प्रजाति को बेस्ट बताते हैं.
आर्थिक रूप से देखें तो पाकिस्तान के आम उत्पादकों को इसमें बढ़त हासिल है. दोनों देशों के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 'पाकिस्तान ने पिछले साल 1,00,000 टन आम का निर्यात किया था जिसकी कीमत 4.86 करोड़ डॉलर थी जबकि भारत ने 4.46 करोड़ डॉलर कीमत के 56,000 टन आम का निर्यात किया था.'
इस बीच यूरोपीय संघ की ओर से भारत के अलफांसो आम पर लगे प्रतिबंध के कारण पाकिस्तान के निर्यात की संभावनाएं बढ़ गई हैं. यूरोपीय संघ ने इस भारतीय प्रजाति के आम में कीड़े निकलने के बाद 1 मई से उस पर प्रतिबंध लगा दिया है.