कश्मीर में सुरक्षाकर्मियों द्वारा गुरुवार को गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकवादी सज्जाद अहमद को आतंकी संगठन लश्कर ए तय्यबा के लिए रफियाबाद में अड्डा स्थापित करने और स्थानीय आतंकी कय्यूम नज्जर के प्रभाव को कम करने का कार्य सौंपा गया था. जिसने हिजबुल मुजाहिदीन से अलग होकर अपना संगठन बना लिया है.
कई बार की थी घुसपैठ की कोशिश
पूछताछ करने वाले अधिकारियों को अहमद ने बताया कि वह 2012 में लश्कर ए तय्यबा में शामिल हुआ था और उसने इससे पहले पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से कश्मीर घाटी में दो बार घुसने का प्रयास किया लेकिन भारी संख्या में सेना की तैनाती के कारण वह विफल रहा. अधिकारियों ने बताया कि चौथी कक्षा तक पढ़े आतंकवादी सज्जाद अहमद ने पूछताछ करने वालों को बताया कि वह बलूच है और दक्षिण पश्चिम पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुजफ्फरगढ़ में रहता है.
सज्जाद के साथी मारे गए थे
अधिकारियों ने कहा कि इस आतंकवादी को दो दिनों के अभियान के बाद पकड़ा गया था और इसमें उसके चार साथी मारे गए थे. उसने जमात उद दावा के लिए भी काम किया जिसका नेतृत्व लश्कर ए तैयबा प्रमुख और 2008 के मुम्बई हमलों के साजिशकर्ता हाफिज सईद करता है.
कड़े प्रशिक्षण के बाद आया था
सज्जाद अहमद की आयु 22 वर्ष है और उसे तीन तरह का आतंकी प्रशिक्षण मिला जिसमें दौरा ए आम, दौरा ए खास और दौरा ए सुफा शामिल है. दौरा ए आम में छोटे हथियारों, ग्रेनेड फेंकने का 21 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाता है जबकि दौरा ए खास तीन महीने का विशेष प्रशिक्षण है जिसमें एक राइफल, राकेट लांवर, विस्फोटक उपकरण बनाने और एलएमजी चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है.
नवेद के बाद पकड़ा गया सज्जाद
गौरतलब है कि सज्जाद एक माह के अंदर जिंदा पकड़ा गया दूसरा पाकिस्तानी आतंकी है. इससे पहले नवेद भी पकड़ा गया था जिसने एआईए की पूछताछ में पाकिस्तान में चल रहे आतंक के ठिकानों के बारे में अहम खुलासे किए हैं.